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तिब्बत की ठंड नहीं झेल पा रहे चीनी सैनिक, रोबोट सेना के हाथ में थमाई मशीनगन

Renuka Sahu
30 Dec 2021 3:18 AM GMT
तिब्बत की ठंड नहीं झेल पा रहे चीनी सैनिक, रोबोट सेना के हाथ में थमाई मशीनगन
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फाइल फोटो 

इस प्रचंड सर्दी के मौसम में चीन सैनिक तिब्बत और लद्दाख में भारतीय सीमा के पास तैनाती नहीं कर पा रहे हैं.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। इस प्रचंड सर्दी के मौसम में चीन सैनिक (Chinese Army) तिब्बत और लद्दाख (Tibet and Ladakh) में भारतीय सीमा (Indian Army) के पास तैनाती नहीं कर पा रहे हैं. माइनस 3 डिग्री के तापमान में उनके लिए सीमा पर खड़ा रहना काफी मुश्किल भरी चुनौती साबित हो रही है. ऐसे में ज्यादातर सैनिकों के सीमा पर रहने से इनकार करने के बाद चीन ने भारतीय सीमा के पास रोबोट सेना की तैनाती करनी शुरू कर दी है. चीन ने भारतीय सीमा के पास जिन रोबोट्स (Machinegun-Carrying Robots)की तैनाती कर रहा है, वो ही मशीनगन चलाएंगे.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन ने तिब्बत और लद्दाख बॉर्डर पर दर्जनों ऑटोमैटिक और रोबोट की तरह इस्तेमाल होने वाली गाड़ियों को तैनात किया है. हाल ही में भारतीय सेना से हुई झड़प में चीनी सिपाहियों को ठंड की वजह से काफी ज्यादा मुश्किलों का सामना करना पड़ा था. जिसके बाद यह बात सामने आई थी कि चीनी सेना बर्फीले इलाकों की लड़ाई के लिए पूरी तरह तैयार नहीं है.
88 शार्प क्लॉ व्हीकल्स को किया तैनात
चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) तिब्बत में ऑटोमेटिक चलने वाली 88 शार्प क्लॉ व्हीकल्स को तैनात किया है. इसमें भी 38 शार्प क्लॉ गाड़ियां लद्दाख बॉर्डर पर तैनात की गई हैं. इन गाड़ियों को चीन की हथियार निर्माता कंपनी NORINCO ने तैयार किया है. इनका इस्तेमाल इलाके की निगरानी के साथ हथियार और जरूरी सामान की आपूर्ति में किया जाएगा.
Mule-200 अनमैन्ड व्हीकल्स भी भेजे
चीन ने तिब्बत में ऑटोमेटिक Mule-200 अनमैन्ड व्हीकल्स भी तैनात किए हैं. ये गाड़ियां मुश्किल इलाकों में निगरानी के साथ-साथ 50 किमी तक हमला भी कर सकती हैं. इसके अलावा इन पर एक बार में 200 किलोग्राम से ज्यादा गोला-बारूद और हथियारों का ट्रांसपोर्ट किया जा सकता है. वायरलेस से भी कंट्रोल होने वाली ये गाड़ियां रोबोट की तरह लड़ाई भी लड़ सकती हैं. फिलहाल तिब्बत में 120 Mule-200 हैं, इसमें से भी ज्यादातर भारतीय सीमा के पास तैनात हैं.
सैनिकों को मिले हैं स्पेशल कपड़े
इससे पहले चीनी सरकार ने सैनिकों को एक्सोस्केलेटन सूट के साथ सीमा पर तैनात किया था, ताकि उन्हें उस ऊंचाई पर मदद मिल सके. समुद्र तल से 16,000 फीट ऊपर भारी उपकरण और हथियारों को अपने पास रखते वक्त सैनिकों को उनके पैरोंऔर टखनों पर दबाव को कम करने के लिए कार्बन-फाइबर एक्सोस्केलेटन दिए गए थे. वहीं, रिपोर्ट् में कहा गया था, इतनी ऊंचाई पर सैनिक लगातार संघर्ष कर रहे हैं और ऑक्सीजन की कमी और प्रचंडसर्दी होने की वजह से उनका लद्दाख में भारतीय सीमा के पास रहना नामुमकिन हो रहा है.
लद्दाख में पिछले साल मई से जारी है तनाव
भारत और चीने के बीच लद्दाख में पिछली साल मई से तनाव चल रहा है. इसी दौरान गलवान में भारत और चीनी सेना के बीच झड़प हुई थी, जिसमें 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे. चीन के भी 40 से ज्यादा सैनिक मारे गए थे, लेकिन उसने कभी भी उनकी सही संख्या नहीं बताई.
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