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22 अगस्त तक हंबनटोटा पोर्ट पर रहेगा चीनी पोत युआन वांग-5, कैप्टन ने कहा- हम शांति और दोस्ती के मिशन पर हैं
Renuka Sahu
18 Aug 2022 12:48 AM GMT
![Chinese ship Yuan Wang-5 will remain at Hambantota Port till August 22, Captain said - we are on a mission of peace and friendship Chinese ship Yuan Wang-5 will remain at Hambantota Port till August 22, Captain said - we are on a mission of peace and friendship](https://jantaserishta.com/h-upload/2022/08/18/1907526-22-5-.webp)
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फाइल फोटो
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। विवादास्पद चीनी पोत युआन वांग-5 के कैप्टन झांग होंगवांग का कहना है कि चीन का उच्च तकनीक से युक्त ये अनुसंधान पोत शांति और दोस्ती के मिशन पर है। इसके श्रीलंकाई बंदरगाह पर लंगर डालने से अंतरिक्ष, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में द्विपक्षीय संबंध और मजबूत होंगे। भारत द्वारा व्यक्त की गई सुरक्षा चिंताओं के बीच बैलिस्टिक मिसाइल और उपग्रह ट्रैकिंग करने वाला ये चीनी पोत मंगलवार को श्रीलंका के दक्षिण स्थित हंबनटोटा बंदरगाह पर पहुंचा है। यह 22 अगस्त तक वहां रहेगा।
पोत मूल रूप से 11 अगस्त को बंदरगाह पर पहुंचने वाला था लेकिन भारत के आपत्ति जताने के बाद श्रीलंकाई अधिकारियों द्वारा इसकी अनुमति प्रदान करने में देरी हुई। 13 अगस्त को श्रीलंकाई सरकार ने 16 से 22 अगस्त तक पोत को बंदरगाह पर लंगर डालने की इस शर्त पर दी थी कि यह श्रीलंका के विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र (ईईजेड) के भीतर स्वचालित पहचान प्रणाली (एआइएस) को चालू रखेगा और पोत श्रीलंकाई जल क्षेत्र में कोई वैज्ञानिक अनुसंधान नहीं करेगा।
हंबनटोटा बंदरगाह की प्रबंधन कंपनी द्वारा यहां एक बयान में कैप्टन झांग होंगवांग के हवाले से कहा गया कि युआन वांग-5 पोत शांति और दोस्ती का मिशन लेकर निकला है। उन्होंने कहा कि हमारा मानना है कि हंबनटोटा अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह पर इस पोत के लंगर डालने से अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में चीन और श्रीलंका के बीच आदान-प्रदान और गहरा होगा। दोनों देशों के अंतरिक्ष उद्योग की साझा प्रगति को बढ़ावा मिलेगा।
इस बीच चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की वेबसाइट ने कैप्टन झांग के हवाले से कहा कि युआन वांग-5 पोत चीन के अंतरिक्ष स्टेशन के लैब माड्यूल वेंटियन के लिए दीर्घकालिक नियंत्रण कार्य के साथ एक समुद्री ट्रैकिंग मिशन पर है। उधर भारत इसलिए चिंतित है कि जासूसी पोत के ट्रैकिंग सिस्टम से भारत के दक्षिणी हिस्से की अधिकांश सैन्य गतिविधियों के अलावा ढांचागत परियोजनाओं पर करीबी निगरानी रखी जा सकती है।
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