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चीन के हैकर्स ने भारत के पावर ग्रिड और इमरजेंसी रिस्पांस सिस्टम को बनाया निशाना: रिपोर्ट

Renuka Sahu
7 April 2022 4:34 AM GMT
चीन के हैकर्स ने भारत के पावर ग्रिड और इमरजेंसी रिस्पांस सिस्टम को बनाया निशाना: रिपोर्ट
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फाइल फोटो 

चीन के हैकरों ने भारत के खिलाफ हाल के महीनों में बड़ी साजिश रची है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। चीन (China) के हैकरों ने भारत के खिलाफ हाल के महीनों में बड़ी साजिश (Chinese Hackers attack on India) रची है. खुफिया जानकारियों का रिकॉर्ड रखने वाली कंपनी Recorded Future Inc. ने बुधवार को रिलीज अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि चीन ने साइबर-जासूसी अभियान के तहत भारत में बिजली सेक्टर को निशाना बनाया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि चीनी हैकर्स ने उत्तर भारत में कम से कम सात 'लोड डिस्पैच' सेंटर पर ध्यान केंद्रित किया. इन सेंटर्स का काम पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन सीमा के पास मौजूद इलाकों में ग्रिड नियंत्रण और बिजली पहुंचाने के लिए रियल-टाइम ऑपरेशन को अंजाम देना है.

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, लोड डिस्पैच सेंटर्स में से एक पर पहले एक अन्य हैकिंग ग्रुप RedEcho ने भी अटैक किया था. इसे लेकर Recorded Future ने कहा कि ये ग्रुप एक बड़े हैकिंग ग्रुप के साथ मिला हुआ है. अमेरिका ने कहा है कि उस बड़े हैकिंग ग्रुप के चीनी सरकार के साथ सीधे तौर पर रिश्ते रहे हैं. Recorded Future की रिपोर्ट में कहा गया, 'चीनी सरकार से जुड़े हुए हैकिंग ग्रुप द्वारा भारतीय पावर ग्रिड पर लंबे समय तक किए गए हमलों से सीमित आर्थिक जासूसी या पारंपरिक खुफिया जानकारी इकट्ठा हो पाई है. हमारा मानना है कि इसके जरिए महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे के आसपास की जानकारी इकट्ठा की गई है, जिसका भविष्य में इस्तेमाल किया जा सकता है.'
TAG-38 है हैकिंग ग्रुप का नाम
रिपोर्ट के अनुसार, पावर ग्रिड को निशाना बनाने के अलावा चीनी हैकर्स ने भारत के नेशनल इमरजेंसी रिस्पांस रिस्पांस सिस्टम और एक मल्टीनेशनल लॉजिस्टिक कंपनी की सहायक कंपनी को भी निशाना बनाया है. इस हैकिंग ग्रुप को TAG-38 का नाम दिया गया है. इसने हैकिंग को अंजाम देने के लिए ShadowPad नामक एक खतरनाक सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया. इस सॉफ्टवेयर के तार पहले चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी और मिनिस्ट्री ऑफ स्टेट सिक्योरिटी के साथ जुड़ चुके हैं. हालांकि, Recorded Future ने इस बात की जानकारी नहीं दी है कि चीनी हैकर्स द्वारा किन सेंटर्स को निशाना बनाया गया और उस कंपनी का नाम भी नहीं बताया है, जिस पर साइबर अटैक हुआ.
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