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भारत दौरे पर आएंगे चीनी विदेश मंत्री वांग यी, रूस से दूरी बनाने का दबाव

Neha Dani
23 March 2022 11:29 AM GMT
भारत दौरे पर आएंगे चीनी विदेश मंत्री वांग यी, रूस से दूरी बनाने का दबाव
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ये सभी देश अमेरिका के करीबी सैन्य और खुफिया सहयोगी माने जाते हैं.

रूस-यूक्रेन मामले (Russia Ukraine Conflict) को लेकर दुनिया दो धड़ों में बंटी हुई दिख रही है. भारत ने किसी एक पक्ष का साथ ना देते हुए दोनों ही देशों को बातचीत के जरिए शांति स्थापित करने की सलाह दी है. लेकिन कई पश्चिमी सहयोगी भारत पर अपनी स्थिति बदलने का दबाव बना रहे हैं. इन सबके बीच चीन (China) के विदेश मंत्री वांग यी (Foreign Minister Wang Yi) गुरुवार को दो दिवसीय दौरे पर भारत पहुंच सकते हैं. द ट्रिब्यून ने सूत्रों के हवाले से अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि आधिकारिक तौर पर ये सप्ष्ट नहीं है कि वांग के आने पर दोनों देशों के सीमा विवाद से जुड़े मुद्दे को हल कर लिया जाएगा.

ऐसा माना जा रहा है कि इससे विदेश मंत्री एस जयशंकर के लिए बीजिंग जाकर सीमा विवाद के मुद्दे पर और विस्तृत बातचीत करने का रास्ता साफ हो जाएगा. अगर सबकुछ ठीक रहा तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रिक्स देशों के सम्मेलन में शिरकत करने के लिए चीन जा सकते हैं. जो रूस-भारत और चीन के समूह वाले सम्मेलन के साथ-साथ हो सकता है. वांग पाकिस्तान में आयोजित हो रहे ओआईसी (Organisation of Islamic Countries) के सम्मेलन में चीफ गेस्ट के तौर पर शामिल हुए हैं. यहां से वह सीधे भारत आ सकते हैं. ये सम्मेलन आज खत्म हो रहा है.
क्या कोशिश कर रहे अमेरिका और उसके सहयोगी?
तेजी से बदलती भौगोलिक राजनीति को देखते हुए भारत ने अपनी उस स्थिति में ढील दी है, जिसमें इस बात पर जोर दिया जाता है कि किसी भी विदेशी हस्ती को अपने भारत दौरे को पाकिस्तान के साथ नहीं जोड़ना चाहिए. अमेरिका और उसके सहयोगी देश लगातार भारत के साथ मिलकर काम करने और जरूरी तकनीकी सुविधाएं उपलब्ध कराने की पेशकश कर रहे हैं. वह रूसी सैन्य उपकरण और तेल की आपूर्ति पूरी करने की बात तक कह रहे हैं.
अमेरिकी अधिकारियों ने भारतीय अधिकारियों से की मुलाकात
पेंटागन (अमेरिकी रक्षा विभाग के मुख्यालय) के अधिकारी डोनाल्ड लू और वरिष्ठ अमेरिकी राजनयिक विक्टोरियल नूलैंड ने पिछले दो दिनों में जयशंकर और विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला से मुलाकात की है और व्यावहारिक रूप से वह सबकुछ बदलने की पेशकश की है, जो भारत रूस से प्राप्त करता है. इन अधिकारियों ने ही साल 2014 में रूस समर्थक यूक्रेनी राष्ट्रपति को हटाने में भूमिका निभाई थी. हाल ही में जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा भारत दौरे पर आए थे, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने फोन किया था और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने पीएम मोदी के साथ वर्चुअल सम्मेलन किया. ये सभी देश अमेरिका के करीबी सैन्य और खुफिया सहयोगी माने जाते हैं.

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