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चीनी विदेश मंत्री ने किया अफ्रीका के बाद एशिया की यात्रा, म्यांमार में किए कई समझौते

Triveni
12 Jan 2021 2:25 PM GMT
चीनी विदेश मंत्री ने किया अफ्रीका के बाद एशिया की यात्रा, म्यांमार में किए कई समझौते
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चीन-म्यांमार संबंधों में कोरोना महामारी के कारण आए ठहराव को चीन के विदेश मंत्री वांग यी

जनता से रिश्ता वेबडेस्क: चीन-म्यांमार संबंधों में कोरोना महामारी के कारण आए ठहराव को चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने यहां की अपनी ताजा यात्रा के दौरान तोड़ने की कोशिश की है। पिछले साल साल राष्ट्रपति शी जिनपिंग की म्यांमार यात्रा के दौरान जिन परियोजनाओं के लिए सहमति पत्रों पर दस्तखत हुए थे, अब उन पर काम तेज करने का फैसला हुआ है। इस संबंध में वांग की यात्रा के दौरान चीन और म्यांमार के बीच 11 समझौतों पर दस्तखत हुए। साथ ही वांग ने यह आश्वासन दिया कि कोरोना महामारी से लड़ाई में चीन म्यांमार के साथ मजबूती से खड़ा रहेगा। वांग की यहां म्यांमार के राष्ट्रपति यू विन मिन्त से भी मुलाकात हुई।

चीन के विदेश मंत्री वांग यी अफ्रीका के बाद अब नए साल में एशिया की पहली यात्रा पर निकले हुए हैं। माना जा रहा है कि चीन अमेरिका में जो बाइडन के राष्ट्रपति बनने से पहले उन देशों से अपना संपर्क ताजा करना चाहता है, जहां उसका प्रभाव गुजरे वर्षों में बढ़ा है। वांग चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं। उनके ऊंचे दर्जे को देखते हुए उनकी विदेश यात्राओं को खास महत्व दिया जाता है।
वांग पिछले शनिवार को अफ्रीका के छह दिन का दौरा करके लौटे। इस दौरान उन्होंने पांच देशों की यात्रा की। उन्होंने पांचों राजधानियों में वादा किया कि चीन उन देशों के साथ स्वास्थ्य से लेकर कृषि और सैनिक से लेकर बुनियादी ढांचा- सभी मामलों में संबंध और मजबूत करेगा। वांग लगभग उसी समय अफ्रीका की यात्रा पर थे, जब अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समर्थकों की उग्रवादी कार्रवाई से अंदरूनी उथल-पुथल का शिकार हो गया। विश्लेषकों का कहना है कि वांग ने इसके बरक्स चीन की स्थिरता को रखते हुए अफ्रीकी देशों को लुभाने की नए सिरे से कोशिश की।

अब वांग एशियाई देशों की यात्रा पर हैं। आम धारणा है कि सत्ता संभालने के बाद जो बाइडन एशिया में अपने देश के पुराने संबंधों को फिर से मजबूत करने की कोशिश करेंगे, ताकि चीन के बढ़ते प्रभाव को रोका जा सके। ट्रंप के दौर में अमेरिका और चीन का टकराव खतरनाक मोड़ पर पहुंच गया है। ट्रंप ने साउथ चाइऩा सागर से लेकर ताइवान और हांगकांग तक के मुद्दों पर टकराव बढ़ा दिया है। ऐसे में एशिया अमेरिका और चीन दोनों के लिए बेहद अहम हो गया है।

चीन के विदेश मंत्रालय के मुताबिक वांग छह दिन की यात्रा के दौरान म्यांमार के अलावा इंडोनेशिया, ब्रुनेई, और फिलीपींस जाएंगे। उनकी यात्रा सोमवार को म्यांमार पहुंचने के साथ शुरू हुई। म्यांमार के मीडिया ने इस मौके पर कहा कि वांग की यात्रा का मकसद म्यांमार सरकार के प्रति एकजुटता दिखाना है। म्यामांर में आंग सान सू ची की नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी की नई सरकार जल्द ही सत्ता संभालने वाली है।
म्यांमार के समाचार माध्यमों ने ध्यान दिलाया है कि वांग नवंबर में वहां हुए चुनाव के बाद म्यांमार की यात्रा करने वाले किसी भी देश के पहले विदेश मंत्री हैं। म्यांमार चीन के महत्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव का हिस्सा है। इस योजना के तहत यहां चीन-म्यांमार इकॉनोमिक कोरिडोर का निर्माण चल रहा है। पिछले साल जनवरी में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने म्यांमार की यात्रा की थी। उस दौरान दोनों देशों के बीच 33 सहमति पत्रों और समझौतों पर दस्तखत हुए थे। इनमें 13 का संबंध इंफ्रास्ट्रक्चर से था। उनमें सबसे खास बंगाल की खाड़ी के तट पर बनने वाला क्यायुकपयू स्पेशल इकॉनोमिक जोन है।

इन इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं पर पिछले साल कोई खास प्रगति नहीं हो पाई। कोरोना महामारी के कारण काम ठहरा रहा। म्यांमार के अधिकारियों ने पहले कहा था कि इन पर काम इनसे संभावित आर्थिक लाभों की समीक्षा के बाद शुरू होगा। वांग की यात्रा से ये उम्मीद जताई गई है कि इन सभी परियोजनाओं में गति आएगी। चीन म्यांमार को अपनी बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव का एक अहम मुकाम मानता है।
बाकी एशियाई देशों में भी चीनी विदेश मंत्री का एजेंडा म्यांमार जैसा ही रहेगा। फिलीपींस के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि वांग की यात्रा के दौरान व्यापार एवं निवेश, इंफ्रास्ट्रक्चर विकास और कोरोना महामारी से निपटने में आपसी सहयोग के मुद्दों पर चर्चा होगी। वांग शुक्रवार को फिलीपीन्स की राजधानी मनीला पहुंचेंगे। वे वहां शनिवार तक रहेंगे। फिलीपीन्स वांग की मौजूदा एशिया यात्रा का आखिरी मुकाम होगा।


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