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चीनी विदेश मंत्री ने की आतंकी संगठन तालिबान के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात, जानें किस मुद्दे पर हुई चर्चा

Gulabi
28 July 2021 4:40 PM GMT
चीनी विदेश मंत्री ने की आतंकी संगठन तालिबान के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात, जानें किस मुद्दे पर हुई चर्चा
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तालिबान का नौ सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल चीन के दो दिवसीय दौरे पर है

काबुल,रॉयटर्स: तालिबान का नौ सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल चीन के दो दिवसीय दौरे पर है, जहां उन्होंने अफगानिस्तान में शांति प्रक्रिया और सुरक्षा मुद्दों पर बातचीत के लिए चीनी विदेश मंत्री से मुलाकात की। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया की, देश के वरिष्ठ राजनयिक वांग यी ने उत्तरी चीनी शहर तियानजिन में तालिबान प्रतिनिधियों से मुलाकात की।

ट्वीट कर दी जानकारी
तालिबान के प्रवक्ता मोहम्मद नईम ने ट्वीट किया की, मुलाकात में राजनीति, अर्थव्यवस्था और दोनों देशों की सुरक्षा और अफगानिस्तान की मौजूदा स्थिति और शांति प्रक्रिया से जुड़े मुद्दों पर चर्चा हुई है। साथ ही बताया गया है की, तालिबान वार्ताकार और उप नेता मुल्ला बरादर अखुंद के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने अफगानिस्तान के लिए चीन के विशेष दूत से भी मुलाकात की है। यह यात्रा चीनी अधिकारियों के निमंत्रण के बाद होना तय हुई थी।
तालिबानी नेता पहली बार पहुंचे चीन
तालिबान के प्रतिनिधियों की इस यात्रा से अंतरराष्ट्रीय मंच पर उसे मान्यता मिलने की संभावनाओं को और मजबूत कर दिया है। जबकी यह बहुत ही संवेदनशील समय है, अफगानिस्तान में लगातार हिंसा में बढ़ोतरी हो रही है। तालिबान का कतर में एक राजनीतिक कार्यालय है जहां शांति वार्ता जारी है। इस महीने उन्होंने ईरान अपने प्रतिनिधियों को भेजा जहां उन्होंने अफगान सरकार के प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठकें कीं।
चीन को सत्ता रही हैं चिंता
चीन के साथ सीमा साझा करने वाले अफगानिस्तान में सुरक्षा के मद्देनजर हालात तेजी से बिगड़ रहे हैं, जैसे-जैसे अमेरिकी सेना देश से वापस जा रही हैं, स्थिति बेकाबू होती जा रही है। तालिबान ने देश भर के जिलों और सीमावर्ती इलाकों पर हमले शुरू कर दिए हैं, जबकि कतर की राजधानी में शांति वार्ता में कोई खास प्रगति नहीं हुई है। नईम ने जानकारी देते हुए बताया है कि, प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात के दौरान चीन को आश्वासन किया है, कि वे किसी को भी उनके खिलाफ अफगान की जमीन का इस्तेमाल नहीं करने देंगे। चीन ने भी अफगानों के साथ उनकी सहायता जारी रखने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई और कहा कि वे अफगानिस्तान के मुद्दों में हस्तक्षेप नहीं करेंगे, लेकिन देश में शांति बहाल करने और समस्याओं को हल करने में मदद करेंगे।
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