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आसमान में उड़ान भरेंगे चीन के फाइटर प्लेन, जानें क्या है ये टेस्ट

Neha Dani
24 Jun 2021 9:26 AM GMT
आसमान में उड़ान भरेंगे चीन के फाइटर प्लेन, जानें क्या है ये टेस्ट
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अन्य सामरिक और तकनीकी मापदंडों पर ध्यान केंद्रित किया.

चीन (China) हर दिन अपने हथियारों को अडवांस्ड बनाने में जुटा हुआ है. इसी कड़ी में चीन ने अब तूफानी मौसम और पानी से भरे हुए रनवे पर फाइटर प्लेन (Fighter Planes) के ऑपरेशन को लेकर ट्रायल कर रहा है. हाल ही में इसकी एविएशन इंडस्ट्री (Chinese Aviation Industry) ने इस तरह का ट्रायल किया है. विशेषज्ञों ने बुधवार को कहा कि इस ट्रायल में कामयाबी हासिल करने से चीन के भविष्य के फाइटर प्लेन खराब मौसम और रनवे की खराब स्थिति में भी सुरक्षित उड़ान भर सकेंगे.

देश के सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन सरकार के स्वामित्व वाले एविएशन इंडस्ट्री कॉरपोरेशन (AVIC) के टेस्ट फ्लाइट सेंटर ने हाल ही में एक फाइटर प्लेन पर चीन का पहला 'वाटर इंजेस्चन ट्रायल' किया. इस क्षेत्र में कम अनुभव होने के बाद भी उन्हें इस ट्रायल में सफलता मिली. ट्रायल के दौरान प्लेन की ताकत बढ़ाई गई, फिर इसने उड़ान भरी और बरसाती मौसम में पानी से भरे हुए रनवे पर सफलतापूर्वक लैंडिंग की. इस दौरान विमान ने बिल्कुल सामान्य तरीके से उड़ान भरी.
इस ट्रायल का क्या था मकसद?
ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इस ट्रायल का मकसद ये पता लगाना था कि क्या भारी बारिश के मौसम में प्लेन के इंजन और अन्य पॉवर डिवाइस पर कोई प्रभाव पड़ता है या नहीं. इसके अलावा, क्या लैंडिंग गियर समेत एयरफ्रेम बरकरार रहता है और क्या एयरस्पीड बूम सहित सिस्टम अभी भी ठीक से काम कर रहा है. इस ट्रायल के जरिए इन सवालों का जवाब ढूंढ़ा गया. रिपोर्ट में कहा गया कि जलभराव वाले रनवे पर विमान की गतिशीलता का भी परीक्षण किया गया. हालांकि, इस रिपोर्ट में इस बात का जिक्र नहीं किया गया है कि ट्रायल में किस तरह के प्लेन का प्रयोग किया गया.
यात्री विमानों के लिए 'वाटर इंजेस्चन ट्रायल' जरूरी
चीन को पहले ARJ21 और C919 यात्री विमानों सहित नागरिक विमानों के जरिए 'वाटर इंजेस्चन ट्रायल' का अनुभव रहा है. 'वाटर इंजेस्चन ट्रायल' यात्री विमानों के लिए बेहद जरूरी होता है, क्योंकि पानी विमान के इंजन के भीतर जाकर दुर्घटना की संभावना को बढ़ा सकता है. यात्री विमानों को इसलिए भी 'वाटर इंजेस्चन ट्रायल' की जरूरत होती है, क्योंकि यात्रियों को पैराशूट के जरिए बाहर निकलना नहीं आता है. चीन के फाइटर प्लेन 'वाटर इंजेस्चन ट्रायल' में अन्य सामरिक और तकनीकी मापदंडों पर ध्यान केंद्रित किया.

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