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चीनी ड्रैगन ने किलर मिसाइलों को छिपाने के लिए शुरू कर दिया तीसरा अड्डा बनाना

Neha Dani
13 Aug 2021 5:33 AM GMT
चीनी ड्रैगन ने किलर मिसाइलों को छिपाने के लिए शुरू कर दिया तीसरा अड्डा बनाना
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चीन के पहले दो मिसाइल अड्डे ड्रैगन के परमाणु ताकत के रूप में विस्‍फोटक विस्‍तार का हिस्‍सा हैं।

पूरी दुनिया पर बादशाहत कायम करने की मंशा रखने वाले चीनी ड्रैगन ने अपनी किलर मिसाइलों को छिपाने के लिए तीसरा विशाल अड्डा बनाना शुरू कर दिया है। सैटलाइट तस्‍वीरों से पता चला है कि यह तीसरा मिसाइल अड्डा जिलनताई में बनाया जा रहा है जो ताइवान के पास है। बताया जा रहा है कि इस नए ठिकाने पर चीन की 100 नई DF-41 अंतरमहाद्वीपीय मिसाइलों को रखा जा सकेगा।

अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने सैटलाइट तस्‍वीरों के आधार पर चीन के इस नए ठिकाने के निर्माण का पता लगाया है। बताया जा रहा है कि चीन का यह तीसरा ठिकाना भी उतना ही बड़ा है जितना कि दो अन्‍य ठिकाने हैं। वॉशिंगटन टाइम्‍स की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के अधिकारी इस पूरे रणनीतिक घटनाक्रम से वाकिफ हैं। अमेर‍िका के रणनीतिक कमांड के कमांडर चार्ल्‍स रिचर्ड ने गुरुवार को कहा कि चीन के पहले दो मिसाइल अड्डे ड्रैगन के परमाणु ताकत के रूप में विस्‍फोटक विस्‍तार का हिस्‍सा हैं।
चीन के परमाणु ताकत में विस्‍फोटक विस्‍तार
रिचर्ड के मुताबिक हम चीन के रणनीतिक शुरुआत के गवाह बन रहे हैं। उन्‍होंने कहा, 'चीन के परमाणु और परंपरागत ताकत के रूप में विस्‍फोटक विस्‍तार को केवल असाधारण करार दिया जा सकता है।' उन्‍होंने कहा क‍ि असाधारण शब्‍द भी इसके लिए कम हो सकता है। उन्‍होंने कहा क‍ि चीन अभी और ज्‍यादा सतह से सतह पर हमला करने वाली मिसाइलों के लिए ठिकाने बना रहा है।
चीन की ये नई मिसाइलें उसके अंतरमहाद्वीपीय मिसाइलों के जखीरे को और ज्‍यादा बढ़ाने का काम करेंगी। चीन ने अभी बड़ी तादाद में मिसाइलों को पनडुब्‍बी, जमीन और रेल मोबाइल लॉन्‍चर्स पर तैनात कर रखा है। इससे पहले चीन के दो अन्‍य मिसाइल साइलो सामने आए थे। इसमें से एक हामी और दूसरा युमेन इलाके में बनाया जा रहा है। माना जाता है कि इन दोनों ही जगहों पर 110-110 मिसाइलों को रखने की जगह होगी।
वैज्ञानिकों का कहना है कि चीन ने कई साल तक चुप्‍पी साधने के बाद अब दुनिया को अपनी ताकत का अहसास कराना शुरू कर दिया है। वर्ष 1960 के दशक में परमाणु बम का परीक्षण करने के बाद चीन ने कई दशक तक न्‍यूनतम परमाणु प्रतिरोधक क्षमता को बनाए रखने पर बल दिया था। माना जाता है कि चीन के पास 300 परमाणु बम थे लेकिन अब शी जिनपिंग के नेतृत्‍व में ड्रैगन बहुत तेजी से परमाणु बमों का जखीरा बढ़ा रहा है।


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