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नई दिल्ली, भारत में कारोबार करने वाली चीन की कुछ कंपनियों और उनकी सहायक कंपनियों के खिलाफ जांच का दायरा बढ़ता जा रहा है। अब इस मामले में कई चार्टर्ड अकाउंटेंट, कंपनी सेक्रेटरी और कास्ट अकाउंटेंट नियामक के जांच के दायरे में आ गए हैं। दरअसल, कंपनी मामलों के मंत्रालय ने इन संस्थानों को उनके सदस्यों की भूमिका को लेकर सूचित किया था जिसके बाद यह कार्रवाई शुरू की गई है।
चार्टर्ड अकाउंटेंट और कंपनी सेक्रेटरी की शीर्ष संस्थाओं इंस्टीट्यूट आफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स आफ इंडिया (आइसीएआइ) और इंस्टीट्यूट आफ कंपनी सेक्रेटरीज आफ इंडिया (आइसीएसआइ) को इस बारे में करीब 400 शिकायतें मिली हैं और उनके आधार पर आवश्यक कार्रवाई शुरू कर दी गई है। अधिकारियों ने बताया कि मंत्रालय ने इन संस्थानों को उनके ऐसे सदस्यों के बारे में जानकारी दी है, जिन्होंने कथित तौर पर नियमों का उल्लंघन किया है।
आइसीएआइ के प्रेसिडेंट देबाशीष मित्रा ने कहा कि सरकार यह पता लगाने का प्रयास कर रही है कि भारत आकर कारोबार करने संबंधी सभी नियमों का चीन की कंपनियों और उनकी सब्सिडियरी ने पालन किया है या नहीं। संस्थानों को इस तरह के करीब 200 मामलों का विवरण मिला है।
कुछ सदस्यों को दिए गए कारण बताओ नोटिस
आइसीएसआइ के प्रेसिडेंट देवेंद्र वी देशपांडे ने बताया कि प्रवर्तक एजेंसियों को कुछ कंपनियों द्वारा गलत काम करने की जानकारी मिली, जिसके बाद उन्हें नोटिस जारी किए गए। कंपनियों के निदेशकों के अलावा इन कंपनियों से जुड़े अन्य पेशेवरों को भी नोटिस दिए गए हैं। इंस्टीट्यूट आफ कास्ट अकाउंटेंट्स आफ इंडिया के प्रेसिडेंट पी राजू अय्यर ने बताया कि संस्थान के कुछ सदस्यों को कारण बताओ नोटिस दिए गए हैं।
सोर्स -jagran
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