x
पाकिस्तान में जारी प्रोजेक्ट्स पर खतरा गहरी चिंता का विषय है।
कराची: इस साल अप्रैल में कराची यूनिवर्सिटी में हुए ब्लास्ट ने पाकिस्तान और चीन, दोनों ही देशों की अथॉरिटीज की नींद उड़ा दी थी। इस हमले की जांच पाकिस्तान अपनी तरफ से कर रहा है। लेकिन लगता है उसके बेस्ट फ्रेंड चीन को उसकी जांच पर भरोसा नहीं है। शायद इसलिए ही उसने अब इन हमलों की जांच पाकिस्तान के साथ मिलकर करने का फैसला किया है। पाकिस्तान में होने वाले हमलों में चीन के नागरिकों को निशाना बनाया जा रहा है। अप्रैल में जो हमला हुआ उससे साफ हो गया था कि आतंकी पाकिस्तान के सबसे करीबी और सबसे महत्वपूर्ण साझीदार को निशाना बनाने में लगे हुए हैं। इन हमलों का मकसद चीन के साथ पाकिस्तान के रिश्तों को खराब करना है ताकि देश के लिए आर्थिक मुश्किलें पैदा हो जाएं। अब इन दोनों देशों ने तय किया है कि इस मसले से मिलकर निबटा जायेगा।
बलूचिस्तान में साजिश
इस हमले को एक महिला आत्मघाती हमलावर ने अंजाम दिया था। यह हमलावर बहुत ही पढ़ी-लिखी थी और पाकिस्तान की ही नागरिक थी। इस हमले में चीनी मूल के टीचरों के अलावा उनके स्थानीय ड्राइवर की भी मौत हो गई थी। हमले के बाद यह तो अप्रैल के बाद कुछ और आतंकी हमले हुए जिसमें से एक सितंबर में ही हुआ था। इस हमले में भी चीनी नागरिकों को निशान बनाया गया था। नवंबर 2018 में भी कराची में चीनी कांसुलेट पर हमला हुआ था। इसके बाद जून 2020 में भी कराची स्टॉक एक्सचेंज पर हमला हुआ।
इन सभी हमलों के पीछे बलूचिस्तान लिब्रेशन आर्मी (BLA) का हाथ बताया गया। यूनिवर्सिटी पर जो हमला हुआ था, उसमें शामिल हमलावर तो काफी अच्छे परिवार से आती थी। इसके बाद एक वीडियो सामने आया था जिसमें नजर आ रहा था कि बलूचिस्तान के अलगाववादियों ने चीन को पाकिस्तान छोड़कर जाने या फिर यही रहकर और ज्यादा तबाही झेलने के लिए तैयार होने की धमकी दी थी। कई महीनों बाद भी पाकिस्तान की चिंताएं इसे लेकर कम नहीं हुई हैं।
चीन को धमकाया गया
कराची में होने वाले हमलों के बाद चीन के बेल्ट एंड रोड इनीशिएटिव (BRI) पर खतरा बढ़ गया है। चीन 65 अरब डॉलर के साथ इस प्रोजेक्ट के तहत पाकिस्तान में रेलवे, सड़क, पाइपलाइन और बंदरगाहों का निर्माण करा रहा है। इन सभी इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स के बाद अरब सागर तक चीन की पकड़ मजबूत होगी और पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था सुधर सकेगी।
बीएलए ने हाल के कुछ वर्षों में चीनी नागरिकों पर हमले तेज कर दिए हैं। बीएलए हमेशा चीन को बलूचिस्तान से दूर रहने की धमकी देता आया है। चीन ने हर बार इन धमकियों को नजरअंदाज कर दिया। लेकिन अब चीन को लगने लगा है कि मसला उसके लिए गंभीर होता जा रहा है। पाकिस्तान गृह मंत्रालय की तरफ से पिछले दिनों आये बयान में कहा गया था कि चीनी नागरिकों पर हमले और पाकिस्तान में जारी प्रोजेक्ट्स पर खतरा गहरी चिंता का विषय है।
TagsPublic relations news latestpublic relations newspublic relations news webdeskpublic relations latest newspublic relationstoday's big newstoday's important newspublic relations Hindi newspublic relations big newsCountry-world newsstate wise newsHindi newstoday's newsbig newspublic relations new newsdaily newsbreaking newsIndia newsseries of newsnews of country and abroad
Neha Dani
Next Story