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वॉशिंगटन। हालिया साल में चीनी नागरिकों ने अमेरिका में टूरिस्ट बनकर जासूसी की है। इस तरह के 100 से ज्यादा मामले सामने आए हैं और अब एफबीआई के साथ ही डिफेंस डिपार्टमेंट भी अलर्ट मोड पर है। अमेरिका के सीनियर ऑफिशियल्स के हवाले से यह जानकारी दी गई है। कुछ महीने पहले अमेरिका ने चीन के एक स्पाय बैलून को मार गिराया था। तब चीन ने इसका मलबा वापस मांगते हुए इसे वेदर इन्फॉर्मेशन सैटेलाइट बताया था।
चीनी नागरिकों की बढ़ती हरकतों पर नजर रखने के लिए पिछले साल के आखिर में एफबीआई और डिफेंस डिपार्टमेंट के अफसरों ने एक मीटिंग की थी। इसमें इन घटनाओं से निपटने का प्लान तैयार किया गया था। मीटिंग में यह सामने आया कि जब तक प्रॉपर डॉक्यूमेंट्स न हों, तब तक चीनी नागरिकों सेंसेटिव जोन्स के करीब न आने दिया जाए। एक घटना का भी इस रिपोर्ट में जिक्र है। यह मामला न्यू मैक्सिको में मौजूद मिसाइल रेंज का है। इसके अलावा फ्लोरिडा में अमेरिका की रॉकेट लॉन्चिंग के बारे में भी चीनी जासूसों ने जानकारी हासिल करने की कोशिश की थी। इतना ही नहीं चीनी नागरिक फौजी ठिकानों पर मौजूद मैक्डोनाल्ड या बर्गर किंग के आउटलेट्स पर भी पहुंचने की कोशिश करते हैं। अलास्का के एक मिलिट्री बेस पर तो इन्होंने गार्ड से हाथापाई तक की थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि चीनी नागरिक ज्यादातर उन ठिकानों को निशाना बनाने की कोशिश करते हैं जो दूरदराज इलाकों में हों।
अफसरों को शक कैसे हुआ
स्नक्चढ्ढ ने कुछ मामलों की जब जांच की तो सबसे बड़ा सवाल यह सामने आया कि चीनी लोग उन इलाकों में क्यों गए, जहां कोई टूरिस्ट स्पॉट था ही नहीं। इसके अलावा उन इलाकों को टारगेट किया गया, जहां कोई बड़ा सिविलियन एयरपोर्ट नहीं था। इसके बाद साफ हो गया कि ये लोग टूरिस्ट नहीं हो सकते और इनका मकसद कुछ और था।
रिपोर्ट के मुताबिक- चीन के नागरिक अमेरिका में खुफिया जानकारी जुटाते हैं और बाद में इसे चीन पहुंचा देते हैं। जब इस बारे में अमेरिकी होम मिनिस्ट्री से सवाल किया गया तो उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।
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