दिल्ली: दक्षिण चीन में ड्रैगन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। अब चीन को लेकर अमेरिका बड़ा दावा करते हुए गुरुवार को कहा कि चीन का एक लड़ाकू विमान दक्षिण चीन सागर में अमेरिकी वायु सेना के विमान के करीब आ गया। अमेरिका ने कहा कि चीन का विमान अमेरिकी विमान से मात्र 20 फीट की दूरी पर उड़ रहा था। हालांकि बाद में चीन का विमान पीछे हट गया। अमेरिकी सेना ने बयान जारी कर बताया कि चीनी नौसेना का जे-11 और अमेरिका वायु सेना का आरसी-135 विमान काफी करीब आ गए। बयान में कहा कि दोनों विमानों के बीच की दूरी छह मीटर से कम रह गई थी।
अमेरिका ने कहा कि यूएस इंडो-पैसिफिक जॉइंट फोर्स एक मुक्त और खुले इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के लिए समर्पित है और अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत सभी जहाजों और विमानों की सुरक्षा के लिए उचित सम्मान के साथ समुद्र और अंतरराष्ट्रीय हवाई क्षेत्र में उड़ान भरना, नौकायन करना और संचालन करना जारी रखेगी।
इसी महीने तवांग में झड़प हो या ताइवान की घेराबंदी और जापान की सीमा में सैन्य पोतों की घुसपैठ, चीन की इन हरकतों से हिंद-प्रशांत क्षेत्र अस्थिरता और सैन्य शत्रुता की आशंकाएं बढ़ी हैं। ताइवान या जापान के साथ चीन के सैन्य संघर्ष की स्थिति में अमेरिका का सीधे तौर पर युद्ध में शामिल होना तय है, वहीं भारत चीन का अकेले मुकाबला करने में सक्षम है। हालांकि, दोनों ही स्थितियों में पूरा क्षेत्र गंभीर आर्थिक और सैन्य संघर्ष की चपेट होगा। 2020 में सीमा विवाद को लेकर चीनी और भारतीय सेना में खूनी जंग हुई थी।