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चीन के मानवरहित यान ने मंगल के हर छोर की अद्भुत तस्वीरें खींची, डेढ़ साल में 1344 चक्कर काटने पड़े

Renuka Sahu
1 July 2022 12:54 AM GMT
Chinas unmanned vehicle took amazing pictures of every edge of Mars, had to make 1344 revolutions in one and a half years
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फाइल फोटो 

चीन के एक अंतरिक्ष यान ने मंगल ग्रह के हर छोर की तस्वीरें ली हैं। तियानवेन-1 नाम का यह मानवरहित यान पिछले वर्ष फरवरी में मंगल की कक्षा में पहुंचा था और तब से वहां की तस्वीरें भेज रहा है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। चीन के एक अंतरिक्ष यान ने मंगल ग्रह के हर छोर की तस्वीरें ली हैं। तियानवेन-1 नाम का यह मानवरहित यान पिछले वर्ष फरवरी में मंगल की कक्षा में पहुंचा था और तब से वहां की तस्वीरें भेज रहा है। इसी के साथ चीन के अंतरिक्ष यान के ऑर्बिटर और रोवर ने लाल ग्रह पर अपनी वैज्ञानिक खोजों को पूरा कर लिया है।

तियानवेन-1 ने मंगल के दक्षिणी ध्रुव समेत उन इलाकों की भी तस्वीरें ली हैं, जिन्हें आज तक नहीं देखा गया था। मंगल ग्रह की इन तस्वीरों को को कैप्चर करने के लिए चीन के अंतरिक्ष यान को लगभग डेढ़ साल में 1,344 चक्कर लगाने पड़े हैं। इस दौरान ऑर्बिटर ने पूरे ग्रह की अलग-अलग तरह से तस्वीरें इकट्ठा की हैं। अब इन्हीं तस्वीरों में से कुछ को चीनी अंतरिक्ष एजेंसी ने सार्वजनिक किया है।
तियानवेन-1 चीन का मंगल पर लॉन्च किया गया पहला मिशन था। यह अंतरिक्ष यान फरवरी 2021 में लाल ग्रह पर खोज के लिए पहुंचा था। तब इसने एक रोबोटिक रोवर को मंगल की सतह पर तैनात किया था, जबकि ऑर्बिटर अंतरिक्ष से लाल ग्रह का चक्कर लगाता रहा।
तस्वीरें कैप्चर करने के लिए यान को डेढ़ साल में लगाने पड़े 1,344 चक्कर
दक्षिणी ध्रुव समेत उन इलाकों की भी तस्वीरें, जिन्हें आज तक किसी ने नहीं देखा
चीन का मंगल पर लॉन्च किया गया पहला मिशन था तियानवेन-1
दक्षिणी ध्रुव पर छिपा है मंगल का सारा पानी
वैज्ञानिकों का मानना है कि लाल ग्रह का सारा पानी दक्षिणी ध्रुव पर ठोस और द्रव रूप में छिपा हुआ है। 2018 में, यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के एक अंतरिक्ष यान ने मंगल के दक्षिणी ध्रुव की बर्फ के नीचे पानी की खोज की थी। पृथ्वी के दो ध्रुवों की तुलना में मंगल पर पाई जाने वाली बर्फ सूखी (ठोस कार्बन डाइऑक्साइड) और पानी से मिलकर बनी होती है। मंगल ग्रह पर ध्रुवीय इलाकों और कई जगहों पर सतह के नीचे बर्फ पाई जाती है।
4 हजार किलोमीटर लंबी घाटी नजर आई
तियानवेन -1 की तस्वीरों में चार हजार किलोमीटर लंबी घाटी वालेस मेरिनेरिस भी शामिल है। इसके अलावा साथ ही 18,000 मीटर लंबी एस्क्रेयस मॉन्स के ऊपर से नीचे का दृश्य भी काफी रोचक है। इन तस्वीरों में मंगल के एक शांत ज्वालामुखी को भी दिखाया गया है। इसकी खोज नासा के मेरिनर 9 ने की थी।
पहले असफल रही थी कोशिश
तियानवेन -1 से पहले चीन ने 2011 में रूस के साथ मिलकर मंगल ग्रह पर यान भेजने की कोशिश असफल रही थी। यह मिशन प्रक्षेपण के कुछ देर बाद ही विफल हो गया था।
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