जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आधुनिक शहर (Modern City) की परिभाषा में सर्वसुविधायुक्त शहर माना जाता है जिसमें आधुनिक तकनीक से रोजमर्रा के काम आसानी से हो जाते हों. आज कल इससे संबंधित एक और शब्द प्रचलित है और वह है स्मार्ट सिटी (Smart City). आज कल शहरों की सुविधाओं और व्यवस्थाओं का नियंत्रण सॉफ्टवेयर (Software) से होने लगा है. इस तरह के शहर लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी डेटा और एविडेंस (Data and Evidence) से बेहतर किए जाती है. चीन में एक शहर इससे भी एक कदम आगे है. चीन का हांग्जोऊ (Hangzhou) शहर पूरी तरह से आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस (Artificial Inetlligence) से संचालित होता है.
सब कुछ सॉफ्टवेयर के हवाले?
यह शहर पहले से ही स्मार्ट सिटी से था, लेकिन इसकी आधारभूत संरचनाएं आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस ने बदल कर रख दी हैं. कहने सुनने में विज्ञान फंतासी की लगती है, लेकिन चीन के इस शहर ने वर्तमान में ही मुमकिन बनाया है. यहां के सिस्टम लोगों के एक संगठन या कंपनी के कर्मचारियों के मोहताज नहीं हैं. बल्कि यह सारा काम सॉफ्टवेयर ने AI के जरिए संभाला हुआ है.
चार साल पहले ही शुरू हुआ यह
साल 2016 में होन्झोउ शहर 90 लाख लोगों का शहर था. इसमें अलीबाबा और फॉक्सकॉन सिटी ब्रेन नाम का प्रजोक्ट पर काम कर रही थीं. इसके बाद शहर का कुछ AI से नियंत्रित होने लगा. इससे शहर के हर निवासी को ट्रैक किया जाने लगा, उनका सोशल नेटवर्क, उनकी खरीदी, उनकी यात्राओं का लेखा जोखा सभी कुछ डेटाबेस में जोड़ दिया गया. इससे त्वरित समय में ही फैसले लेने में मदद मिली.
जल्द विकसित हुआ नेटवर्क
कुछ ही समय में पूरे शहर में एक न्यूरल नेटवर्क विकसित हो गया. पानी की सप्लाई से लेकर किसी इलाक में भीड़ के आकार तक सब कुछ सॉफ्टवेयर में शामिल कर लिया गया. धीरे-धीरे सिटी ब्रेन ने अपने पैर जमाने शुरू कर दिए.
अभूतपूर्व सफलता
न्यू साइंटिस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक इस प्रोजेक्ट को अभूतपूर्व सफलता मिली है. यातायात व्यवधान हो, सड़क दुर्घटना हो या फिर अपराध सभी कुछ कम हो गया है. सिटी ब्रेन केवल प्राधिकारियों से ही नहीं जुड़ा है जिन्हें वह इमेरजेंसी और किसी समस्या से निपटने के लिए चेतावनी देता है. यह शहर के हर निवासी के मोबाइल से जुड़ा है. उन्हें आने वाले ट्रैफिक के साथ ही रियल टाइम में मौसम के हालात की जानकारी भी देता है.केवल तुरंत निगरानी ही नहीं
यह नई व्यवस्था चीजों की निगरानी तक ही सीमित नहीं है. यह केवल वास्तविक समय के ही आंकड़ों का उपयोग नहीं करता है. यह महीनों से जमा किए गए आंकड़ों से भविष्य की स्थितियों का आंकलन भी करता है जिससे बेहतर तरीके से लोग आवाजाही कर सकें.
दूसरे शहरों में भी
यह प्रोजेक्ट बढ़िया तरीके से काम कर रहा है और इससे प्रेरित होकर यह मॉडल चीन के दूसरे शहरों में भी लागू करने की तैयारी चल रही है. इतना ही नहीं पूरी उम्मीद की जा रही है कि यह अंतरराष्ट्रीय मार्केट में भी लोकप्रियता हासिल करेगा. वहीं इसमें कुछ बदलाव भी लाए जा सकते हैं.
यह व्यवस्था चीन में निजता की सीमित आजादी के अनुकूल है क्योंकि इसमें लोगों की खरीदारी से लेकर आवाजाही के सारे आंकड़े जमा करने की कवायद शामिल हैं. वहीं अलीबाबा के एआई मैनेजर जियान शेंग हुआ का वर्ल्ड सम्मिट एआई मीटिंग में बताया कि चीन में लोगों को प्रायवेसी की उतनी चिंता नहीं रहती. इससे हमें तेजी से काम करने में आसानी होती है.