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घट रही है चीन की आबादी, बच्चे पैदा नहीं करना चाहते चीनी

Apurva Srivastav
11 May 2021 9:37 AM GMT
घट रही है चीन की आबादी, बच्चे पैदा नहीं करना चाहते चीनी
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70 साल में पहली बार चीन की जनसंख्या जन्म जन्म दर कम हुई है.

70 साल में पहली बार चीन की जनसंख्या जन्म जन्म दर कम हुई है. वो 1950 के स्तर तक जा पहुंची है. इसको लेकर चीन सरकार चिंतित है और वो अब ज्यादा बच्चे पैदा करने के लिए लोगों को प्रोत्साहित कर रही है. चीन में जन्म दर पर नियंत्रण एक बच्चा पैदा करने की नीति के कारण हो पाई थी, जिसको चीन ने 1970 में शुरू किया गया था. मगर बाद में चीन ने इस नीति को खत्म कर दिया था और परिवारों को दो बच्चा पैदा करनी की इजाजत दी.

चीन चाहता है कि उसकी जनसंख्या 142 करोड़ हो जाए क्योंकि उसको डर है कि अगर इसी दर पर बच्चे पैदा हुए तो उसकी जनसंख्या जरूरत से ज्यादा घटने लगेगी. संयुक्त राष्ट्र संघ का भी मानना है की 2030 में जनसंख्ख्या अपने चरम में पहुंचने के बाद रिवर्स गियर में चली जाएगी. मगर कई अखबारों का मानना है कि चीन ने जो आंकड़े पेश किए है वो गलत हैं और चीन की जनसंख्या गिरना शुरू हो चुकी है.
इस कारण बच्चे पैदा नहीं करना चाहते चीनी
चीन अपने देश से जुड़े आंकड़ों को हमेशा छुपाता रहा है. चीन में घटती जनसंख्या जन्म दर का एक कारण है चीन की बदलती अर्थव्यवस्था, महंगे शहर और शादीशुदा लोगों का कम बच्चे पैदा करना. कहने का मतलब है कि पिछले 20 साल में एक बच्चे को चीन के किसी शहर में बड़ा करने का मतलब है लाखों रुपये खर्च करना. उसके ऊपर से महंगाई 2005 के बाद चार गुना ज्यादा बड़ी है. यही कारण है की चीन की जनसंख्या जन्म दर कम हुई है, जिसको लेकर चीन के तानाशाह बहुत चिंतित हैं.
युवाओं की संख्या 17 फीसदी
चीन को इस बात की खुशी है कि उसकी जनसंख्या में जवान लोगों की संख्या 17 प्रतिशत है. जापान, यूरोप और रूस जैसे देशों में जनसंख्या लगातार कम हो रही है और बूढ़े लोगों की संख्या बढ़ रही है. कोई भी देश नहीं चाहता है कि उसके पास जवान लोग कम और बूढ़े लोग ज्यादा हों. ऐसे में देश की अर्थव्यवस्था खराब हो जाती है और अगर जवान लोगों की संख्या ज्यादा हो तो इससे देश के अर्थव्यवस्था पर अच्छा असर पड़ता है और देश मजबूत रहता.
बाहरी लोगों को नहीं देना होगा परमिट
ऐसे में देश में बहार से श्रम से जुड़े काम के लिए लोगों को परमिट नहीं देना पड़ता. फ्रांस को दूसरे विश्व युद्ध के बाद अल्जीरिया से लोगों को फ्रांस में बसना पड़ा था क्योंकि उद्योग में काम करने के लिए जवान लोग देश में नहीं बचे थे. यही चीज आज रूस में हो रही है, जहां उसके पूर्वी इलाकों में चीन के आदमी कृषि का काम कर रहे हैं क्योंकि उनके यहां लोगों की भारी कमी हो गई है.


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