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बीजिंग (आईएएनएस)| मध्य चीन के छिनलिंग पर्वतों की गहराई में लगभग विलुप्त हो चुके पक्षी-- क्रेस्टेड आईबिस रहते हैं। क्योंकि वे कई वर्षों तक मोनोगैमी बनाए रखते हैं, उन्हें लवबर्डस भी कहा जाता है।
1980 के दशक की शुरूआत में, चीन में केवल सात जंगली क्रेस्टेड आईबिस पाए गए थे। दशकों के बचाव और संरक्षण के बाद, चीन में क्रेस्टेड आईबिस की संख्या 5 हजार से अधिक हो गई है, जो पशु संरक्षण के इतिहास में एक चमत्कार बन गया है।
ली श्या पश्चिमोत्तर चीन के शैनशी प्रांत की निंगशान काउंटी में वाइल्ड क्रेस्टेड आईबिस रिलीज बेस के प्रबंधन स्टेशन के प्रमुख हैं। वह क्रेस्टेड आईबिस के रक्षक हैं। जंगली में क्रेस्टेड आईबिस के जीवित रहने की स्थिति को समझने के लिए उन्हें हर दिन बाहर जाते हैं, पर्वत घाटियों और नदी के तट पर चलते हुए क्रेस्टेड आईबिस के गतिविधि चिह्नें की तलाश करते हैं। वह 15 वर्षों तक इस नीरस काम को दोहराते हैं। पिछले 15 सालों में वह 300 से अधिक क्रेस्टेड आईबिस के जन्म के साक्षी बने।
बता दें कि क्रेस्टेड आईबिस का इतिहास बहुत पुराना है। एशियाई देशों में इसे शुभ पक्षी माना जाता है और इसे पूर्वी रत्न के रूप में भी जाना जाता है। जापान में, क्रेस्टेड आईबिस को लोग बहुत पसंद करते हैं, लेकिन जापान सरकार ने 1981 में घोषणा की कि पर्यावरणीय परिवर्तनों की वजह से जापान में जंगली क्रेस्टेड आईबिस विलुप्त हो गए हैं। सौभाग्य से, चीन के शैनशी प्रांत में छिनलिंग पर्वतों की गहराई में लोगों को क्रेस्टेड आईबिस को देखकर सुखद आश्चर्य हुआ। दशकों के पालन और संरक्षण के बाद, चीन में क्रेस्टेड आईबिस की संख्या 7 से बढ़कर 5 हजार तक पहुंच गई, जो विलुप्त होने के कगार से बहाल होने तक का एक चमत्कार बन गया।
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Rani Sahu
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