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चीन की कंपनी को अमेरिका से 60 दिन में बाहर होने के आदेश, जासूसी के बढ़ते खतरे को देख फैसला लिया गया

Subhi
28 Oct 2021 2:07 AM GMT
चीन की कंपनी को अमेरिका से 60 दिन में बाहर होने के आदेश, जासूसी के बढ़ते खतरे को देख फैसला लिया गया
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चीन दुनिया भर में किस हद तक जासूसी में घिरा है इसका एक और उदाहरण अमेरिका में देखने को मिला।

चीन दुनिया भर में किस हद तक जासूसी में घिरा है इसका एक और उदाहरण अमेरिका में देखने को मिला। यहां अमेरिकी सुरक्षा नियामकों ने संचार के क्षेत्र में काम करने वाली चाइना टेलीकॉम कंपनी को 60 दिन में देश के बाजार से बाहर होने के आदेश दिए हैं।

चीन टेलीकॉम (अमेरिका) कॉर्प को संघीय संचार आयोग (एफसीसी) द्वारा दिए एक आदेश के तहत निर्धारित अवधि में अमेरिका से घरेलू, अंतरराज्यीय और अंतरराष्ट्रीय सेवाएं बंद करनी होंगी।
दूरसंचार से जुड़े अमेरिकी नियामक 'एफसीसी' ने देश भर में जासूसी का खतरा देखते हुए चायना टेलीकॉम के लाइसेंस रद्द कर दिए हैं। जबकि चीन की इस कंपनी के पास आगामी 20 साल तक के लिए अमेरिका में टेलीकॉम सेवाएं देने का अधिकार था।
एफसीसी ने चीनी कंपनी को लेकर आशंका जताई कि वह न सिर्फ गोपनीय सूचनाओं का इस्तेमाल करते हुए अमेरिकी संचार को बाधित कर सकती है बल्कि अमेरिका विरोधी जासूसी व अन्य नुकसानदेह गतिविधियों में लिप्त भी हो सकती है। इससे पहले ट्रंप प्रशासन ने भी चीनी कंपनियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की थी। इससे पहले भारत भी चीनी कंपनियों के एप प्रतिबंधित कर चुका है।
विकल्पों का इस्तेमाल करेगी कंपनी
इस फैसले के बाद चाइना टेलिकॉम ने कहा है कि यह एफसीसी का यह फैसला निराशाजनक है। उसने कहा कि वह अपनी सेवाओं को जारी रखने के लिए सभी उपलब्ध विकल्पों का इस्तेमाल करेगी। माना जा रहा है कि चीनी कंपनी इस संबंध में अदालत की शरण ले। लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि राष्ट्रीय सुरक्षा के सवाल पर कांग्रेस का भी बाइडन प्रशासन को समर्थन मिलेगा इसलिए जरूरी नहीं कि ये उपाय कारगर हों।
दुनिया भर में चीनी शेयर गिरे
चाइना टेलीकॉम पर पाबंदी लगने की खबर के आते ही अमेरिका में सूचीबद्ध चीनी कंपनियों के शेयर में भारी गिरावट आई है। यही नहीं हांगकांग में भी चीनी कंपनियों के शेयर को झटका लगा है। हेंग सेंग इंडेक्स 1 प्रतिशत नीचे चला गया। हेंग सेंग टेक इंडेक्स में 3 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है। सबसे ज्यादा चीनी कंपनियों टेनसेंट, अलीबाबा, जेडी डॉट कॉम और एक्सडी आदि के शेयर गिरे हैं।
दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी
वर्ष 2019 में चाइना टेलिकॉम के दुनियाभर में 33.50 करोड़ ग्राहक थे और दावा किया जाता है कि यह दुनिया में फिक्स्ड लाइन व ब्रॉडबैंड ऑपरेटर के मामले में सबसे बड़ा है। यह अमेरिका में चीनी सरकार के दफ्तरों में भी सेवाएं मुहैया कराती है। कंपनी की नजर अमेरिका में 40 लाख चीनी अमेरिकी लोगों और हर साल आने वाले 20 लाख पर्यटकों पर थी। साथ ही, चीन के 3 लाख छात्र भी इसके राडार पर थे।
व्यवस्थित इंटरनेट बनाने की कोशिशें तेज करेंगे : चीन
चीन के साइबरस्पेस नियामक ने कहा है कि हम ऑनलाइन व्यवहार को फिर से आकार देने, नए पार्टी सिद्धांतों का प्रसार करने और समाजवादी मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए व्यवस्थित इंटरनेट के प्रयास मजबूत करेंगे।
यीनी साइबरस्पेस प्रशासन (सीएसी) के प्रमुख जुआंग रोंगवेन ने कहा कि इस तरह की कोशिशें आधुनिक समाजवादी देश के लिए अहम हैं क्योंकि देश में 1 अरब से ज्यादा इंटरनेट उपभोक्ता हैं। उन्होंने कहा, पार्टी को संचार की सुविधा के लिए इंटरनेट क्षमता का फायदा उठाकर इसका इस्तेमाल पार्टी के नए सिद्धांत लोगों के घरों तक पहुंचाने में करना चाहिए।

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