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सीमा पर चीन का आक्रामक रवैया
भारत से लगी सीमाओं पर चीन एकबार फिर आक्रामक रवैया अपना रहा है। विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को चीनी सेना की पोल खोलते हुए कहा कि पीएलए सीमावर्ती क्षेत्रों में बड़ी संख्या में सैनिकों की तैनाती जारी रखे हुए है। वह सीमाई इलाकों में बड़े पैमाने पर हथियारों को भी तैनात कर रही है। चीनी सेना के इस रवैये को देखते हुए हमारे सशस्त्र बलों को इन क्षेत्रों में जवाबी तैनाती करनी पड़ी है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि भारत के सुरक्षा हित पूरी तरह से महफूज हैं।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि चीनी सैनिकों के उत्तेजक व्यवहार और उनकी ओर से द्विपक्षीय समझौतों के उल्लंघन के साथ सीमा पर यथास्थिति को बदलने के एकतरफा प्रयास की वजह से ही पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर अशांति बनी हुई है। हमारी अपेक्षा है कि चीन पूर्वी लद्दाख में एलएसी के साथ बाकी बचे मुद्दों के शीघ्र समाधान की दिशा में काम करेगा और उसकी सेना पूरी तरह से द्विपक्षीय समझौतों और प्रोटोकाल का पालन करेगी।
We reject such statements. It was the Chinese troops, their provocative behavior, unilateral attempts to alter status quo in contravention of all our bilateral agreements that caused disturbance along LAC in Eastern Ladakh: MEA responding to a query about remarks by Chinese MFA
— ANI (@ANI) September 30, 2021
इससे पहले थल सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने बृहस्पतिवार को चीन की आक्रामकता के मसले पर कहा कि हम सीमा पर किसी भी दुस्साहस का सामना करने के लिए तैयार हैं। हमने पहले भी ऐसी चुनौतियों का बखूबी सामना किया है। भारतीय थल सेना और सशस्त्र बल खतरे की आशंकाओं का समय-समय पर आकलन करते रहते हैं। मौजूदा वक्त में भी भारतीय सेना खतरे का आकलन करने के साथ-साथ रणनीति की तैयारी में जुटी हुई है।भारत से लगी सीमाओं पर चीन एकबार फिर आक्रामक रवैया अपना रहा
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