चीन के चंद्र अन्वेषण कार्यक्रम के मुख्य डिजाइनर और चीनी पीपुल्स पॉलिटिकल कंसल्टेटिव कॉन्फ्रेंस (सीपीपीसीसी) की राष्ट्रीय समिति की स्थाई समिति के सदस्य वू वीरेन ने कहा कि चीन 2030 तक मंगल ग्रह के सतह से नमूने प्राप्त करने की योजना बना रहा है।
वू ने कहा कि चीन सौर मंडल की सीमाओं की खोज की योजनाओं का भी अध्ययन करेगा। मंगल के नमूने को पुनः प्राप्त करने वाला मिशन चंद्रमा की तुलना में बहुत अधिक कठिन होगा। चीन इसके लिए एक प्रक्षेपण यान का विकास करने पर जोर दे रहा है। वू ने कहा, सूर्य पृथ्वी से लगभग 150 मिलियन किलोमीटर दूर है। हम 2049 में 'डबल 100' के लक्ष्य को प्राप्त करने की योजना बना रहे हैं, यानी 100 खगोलीय इकाइयों को पूरा करने के लिए, या 15 अरब किलोमीटर की यात्रा को पूरा करना है।
अंतरिक्ष, पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना की स्थापना की शताब्दी के लिए चीन ने जून, 2021 में देश के भविष्य के मानवयुक्त मंगल अन्वेषण मिशन के लिए एक रोडमैप का अनावरण किया। इसमें प्रौद्योगिकी तैयारी चरण, मंगल ग्रह के लिए एक मानवयुक्त मिशन और पृथ्वी-मंगल कार्गो बेड़े की तैयारी सहित तीन चरण शामिल हैं।
इन मिशनों की समय सारिणी 2033, 2035, 2037, 2041 और 2043 होगी। राज्य के स्वामित्व वाली चाइना एकेडमी ऑफ लॉन्च व्हीकल टेक्नोलॉजी ने इसका खुलासा किया। गौरतलब है कि मंगल ग्रह पर तियानवेन-1 जांच के सुचारू रूप से रूस और अमेरिका के बाद चीन को इस तरह की उपलब्धि हासिल करने वाला तीसरा देश बना दिया।