सोलोमन द्वीप को लेकर एक बार फिर चीन और अमेरिका आमने-सामने आ गए हैं। यूएस ने एक बार फिर बीजिंग को इस मसले पर चेतावनी दी है। सोलोमन के दौरे पर गए अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल ने कहा है कि अगर द्वीप राष्ट्र पर चीनी सेना की मौजूदगी हुई तो इसका अमेरिका माकूल जवाब देगा।
वरिष्ठ अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को सोलोमन द्वीप के नेताओं से मुलाकात की थी। मुलाकात के बाद अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल ने चेतावनी दी कि अगर प्रशांत महासागर में स्थित द्वीप देश में चीनी सेना ने स्थायी रूप से मौजूदगी स्थापित करने का प्रयास किया तो वह इसका उचित जवाब देगा।
प्रतिनिधिमंडल के द्वीप राष्ट्र को दौरे को लेकर व्हाइट हाउस से एक बयान भी जारी हुआ है। जिसमें कहा गया है कि सोलोमन द्वीप के प्रधानमंत्री मानासेह सोगावरे ने व्हाइट हाउस के हिंद-प्रशांत समन्वयक कुर्ट कैंपबेल की अगुआई वाले प्रतिनिधिमंडल से वार्ता की है। इसमें उन्होंने कहा है कि चीन के साथ हुए समझौते के तहत उनके देश में कोई सैनिक अड्डा नहीं बनेगा, इसके अलावा लंबे समय तक देश में सेना की मौजूदगी नहीं होगी और क्षमता का शक्ति प्रदर्शन भी नहीं होगा।
इससे पहले चीन और सोलोमन द्वीप के बीच प्रस्तावित सुरक्षा ढांचे को लेकर अमेरिका समेत ऑस्ट्रेलिया, जापान और न्यूजीलैंड ने चिंता जताई थी और इसे स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत के लिए गंभीर खतरा बताया था। व्हाइट हाउस ने इस संबंध में 18 अप्रैल को चारों देशों के वरिष्ठ अधिकारियों की एक बैठक भी बुलाई थी।