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परमाणु दूषित पानी के मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चिंताओं का सामना करने का चीन का जापान से आग्रह

Rani Sahu
23 Jun 2023 11:24 AM GMT
परमाणु दूषित पानी के मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चिंताओं का सामना करने का चीन का जापान से आग्रह
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बीजिंग (आईएएनएस)| चीनी प्रतिनिधि ने 22 जून को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के 53वें सत्र में भाषण देते हुए जापान से समुद्र में परमाणु दूषित पानी के निर्वहन के मुद्दे पर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की वैध चिंताओं का सामना करने का आग्रह किया। चीनी प्रतिनिधि ने कहा कि जापान ने संयुक्त राष्ट्र समुद्र कानून की संधि के तहत अपने दायित्वों का उल्लंघन करते हुए परमाणु दूषित पानी को समुद्र में छोड़ दिया। जापान अब तक यह साबित करने में विफल रहा है कि समुद्र में परमाणु दूषित पानी का निर्वहन सुरक्षित और स्वस्थ है। खुद जापान द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार लगभग 70 प्रतिशत उपचारित परमाणु-दूषित पानी अभी भी मानक को पूरा नहीं करता है। फुकुशिमा परमाणु दूषित पानी के निपटान के लिए समुद्री निर्वहन एकमात्र उम्मीदवार नहीं है, न ही यह निपटान का सबसे सुरक्षित और सबसे अच्छा साधन है।
चीनी प्रतिनिधि ने कहा कि जापान ने परमाणु दूषित पानी के निपटान पर सद्भावना परामर्श के सिद्धांत का पालन नहीं किया है, और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को बार-बार गुमराह करने की कोशिश की है। जापान उपचारित जल के साथ समुद्र में छोड़े जाने वाले परमाणु दूषित पानी के अनिश्चित जोखिम को ढंकने करने की कोशिश कर रहा है। कुछ दिनों पहले जापान ने देश-विदेश के कड़े विरोध की अवहेलना करते हुए जबरन परमाणु-दूषित जल निकासी उपकरणों का ट्रायल ऑपरेशन शुरू किया। यदि जापान वास्तव में बातचीत करने की ईमानदारी रखता है, तो उसे समुद्री निर्वहन के निलंबन की घोषणा करनी चाहिए।
चीनी प्रतिनिधि ने जोर देते हुए कहा कि फुकुशिमा परमाणु दुर्घटना से प्रदूषित पानी को समुद्र में छोड़ने का जापानी सरकार का निर्णय वैश्विक पारिस्थितिक पर्यावरण की सुरक्षा और सभी देशों के लोगों के स्वास्थ्य के अधिकार से संबंधित है। यह जापान का निजी मामला नहीं है। जापान को देश और विदेश में मजबूत विपक्षी आवाजों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय की वैध चिंताओं का सामना करना चाहिए, एक खुले, पारदर्शी, सबसे सुरक्षित तरीके से परमाणु-दूषित पानी का निपटान करना चाहिए।
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