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टेंशन में चीन एशिया-प्रशांत क्षेत्र में बढ़ते अमेरिकी दखल, सेना की ताकत बढ़ाने के लिए दिए निर्देश

Apurva Srivastav
8 Jan 2022 5:52 PM GMT
टेंशन में चीन एशिया-प्रशांत क्षेत्र में बढ़ते अमेरिकी दखल, सेना की ताकत बढ़ाने के लिए दिए निर्देश
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चीन में राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने हिंद-प्रशांत महासागर क्षेत्र में ताकत को बढ़ाने के लिए सेना को तेजी से आधुनिक बनाने का निर्देश दिया है।

चीन में राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने हिंद-प्रशांत महासागर क्षेत्र में ताकत को बढ़ाने के लिए सेना को तेजी से आधुनिक बनाने का निर्देश दिया है। सेंट्रल मिलिटरी कमीशन के प्रमुख के तौर पर पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) को 2022 में दिया उनका यह पहला निर्देश है। हालांकि इससे पहले 2021 में भी चिनफिंग ने ऐसा ही निर्देश दिया था। लेकिन एशिया-प्रशांत क्षेत्र में अमेरिका और उसके सहयोगियों की बढ़ती ताकत के मद्देनजर चीन को तैयारी बढ़ाने की अब जरूरत महसूस हो रही है।

दक्षिण चीन सागर और उसके बाद हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती हरकतों ने इस इलाके को रणनीतिक दृष्टि से दुनिया का सबसे सक्रिय क्षेत्र बना दिया है। हाल के वर्षो में क्षेत्र को लेकर दो रणनीतिक गठबंधन क्वाड और आकस बने हैं जिनमें अमेरिका की मौजूदगी है। ताइवान को लेकर चीन के आक्रामक तेवरों को देखते हुए अमेरिका ने साफ कर दिया है कि यदि चीन उस पर हमला करता है तो अमेरिका मुकाबले के लिए खड़ा होगा। ऐसे में ताइवान को लेकर अपना उद्देश्य पूरा करने के लिए चीन को निश्चित रूप से अपनी सैन्य ताकत बढ़ानी होगी।
लेकिन द सिंगापुर पोस्ट अपने विश्लेषण में 2022 में चीन की ओर से कोई आक्रामक कार्रवाई न होने की बात कहता है। उसके अनुसार अक्टूबर में होने वाली कम्युनिस्ट पार्टी की 20 वीं कांग्रेस में तीसरे कार्यकाल के लिए मुहर लगने के बाद ही चिनफिंग कोई बड़ा कदम उठाएंगे। इसके बाद वह मजबूत स्थिति में आकर भविष्य के लिए बड़े फैसले लेंगे। इन्हीं फैसलों में ताइवान के एकीकरण की योजना को अमलीजामा पहनाना भी होगा।
चीन पहले से ही अपनी नौसेना की ताकत को लगातार बढ़ा रहा है। साल 2021 में चीन ने अपने नौसेना के बेड़े में 094A बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बी (SSBN), दो तरह के 075 हेलिकाप्टर लैंडिंग डॉक (LHD), तीन प्रकार के 055 क्रूजर, सात प्रकार के 052D विध्वंसक, छह तरह के 056A कोरवेट, छह तरह के 082II खदान काउंटर मेयर पोत, केबल बिछाने वाला एक जहाज और तीन प्रकार के निगरानी जहाजों को शामिल किया था।


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