दुनिया की सबसे बड़ी एयर लॉन्च मिसाइल का चीन ने किया ऑपरेशन, भारत-अमेरिका के लिए हो सकता है खतरा
दुनिया की सबसे बड़ी एयर लॉन्च मिसाइल का चीन ने किया ऑपरेशन, भारत-अमेरिका के लिए हो सकता है खतरा
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | पेइचिंग: भारत और अमेरिका से बढ़ते तनाव के बीच चीन ने दुनिया की सबसे बड़ी एयर लॉन्च मिसाइल को ऑपरेशन कर दिया है। इस मिसाइल को चीन ने अपने स्ट्रैटजिक बॉम्बर एयरक्राफ्ट एच-6एन पर तैनात किया है। हाल में ही चीन का यह एयरक्राफ्ट हाइपरसोनिक एंटी शिप बैलिस्टिक मिसाइल के एयर लॉन्च वर्जन के साथ उड़ान भरते देखा गया था। इस तरह की मिसाइल चीन के अलावा केवल अमेरिका और रूस की सेना के पास ही है।
अमेरिकी खुफिया एजेंसी को पहले से थी जानकारी
2017 से ही अमेरिकी खुफिया एजेंसी के पास ऐसी रिपोर्ट थी कि चीन दो तरह के एयर लॉन्च बैलिस्टिक मिसाइल को बना रहा है। इसमें से पहली मिसाइल जिसे हाल मे ही देखा गया है उसको अमेरिका ने CH-AS-X-13 का नाम दिया है। इस मिसाइल को सबसे पहले अप्रैल 2018 में कार्नेगी एंडॉमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस में न्यूक्लियर पॉलिसी प्रोग्राम के सीनियर फेलो अंकित पांडा ने रिपोर्ट किया था।
कितनी ताकतवर है यह मिसाइल
यह एंटी-शिप बैलिस्टिक मिसाइल दो स्टेज वाले इंजन से चलती है, जिसमें सॉलिड फ्यूल का इस्तेमाल किया जाता है। जिसकी ऑपरेशनल रेंज लगभग 3000 किलोमीटर है। दावा यह भी किया जाता है कि यह मिसाइल अपने साथ परमाणु वॉरहेड को भी लेकर जाने में सक्षम है। इस मिसाइल को डीएफ-21डी का एयर लॉन्च वैरियंट भी कहा जाता है। डीएफ-21डी मिसाइल 30 फीट से ज्यादा लंबी है जो 2000 किलोमीटर तक मार करने में सक्षम है। इसलिए इस मिसाइल को जमीन से ही लॉन्च किया जा सकता है।
खतरनाक है चीन का H-6N स्ट्रैटजिक बॉम्बर
द ड्राइव की रिपोर्ट के मुताबिक चीन का H-6N विमान बेहद खतरनाक है और इसे तेजी से चलने वाले ड्रोन विमान से लेकर एंटी शिप मिसाइलों को ले जाने के लिए बनाया गया है। यह विमान क्रूज मिसाइलें भी दागने में सक्षम है। यह चीन के बमवर्षक विमान H-6K का उन्नत संस्करण है जो खुद भी अत्याधुनिक है। H-6K सोवियत संघ के Tu-16 बमवर्षक विमान पर आधारित है। चीन ने अब अपने H-6N विमान के लिए हवा से दागे जाने में सक्षम हाइपरसोनिक मिसाइलें बना रहा है। चीन ने हाल ही में अपने सैन्य परेड में भारी भरकम DF-17 मिसाइल का प्रदर्शन किया था। यह मिसाइल कितनी कारगर है, इसके बारे में अभी बहुत कम जानकारी है। हालांकि चीन निश्चित रूप से दुनिया को यह बताना चाहता है कि उसके पास पूरी तरह से सक्रिय हाइपरसोनिक मिसाइल है।
भारत के पास भी यह तकनीकी नहीं
भारत के पास भी हवा से एंटी शिप बैलिस्टिक मिसाइल को लॉन्च करने की तकनीकी नहीं है। हालांकि, ऐसी मिसाइल को बनाने के लिए डीआरडीओ काम कर रहा है। जिसे हवा से ही लॉन्च किया जा सके। अभी तक भारत अपने सुखोई-30 एमकेआई से ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल को दागने की तकनीकी ही हासिल कर पाया है। क्योंकि, बैलिस्टिक मिसाइल क्रूज की तुलना में भारी और लंबी होती हैं। ऐसे में उन्हें लॉन्च करने के लिए भी कोई लंबा प्लेन चाहिए।
एयरक्राफ्ट कैरियर्स को निशाना बनाने में है सक्षम
चीन के रक्षा कार्यक्रमों पर नजर रखने वाले विशेषज्ञों ने कहा है कि इस मिसाइल को मुख्य रूप से अमेरिका के एयरक्राफ्ट कैरियर्स को निशाना बनाने के लिए विकसित किया गया है। इसके अलावा यह समुद्र में किसी भी युद्धपोत को भी निशाना बनाने में सक्षम है। ऐसे में चीन की इस मिसाइल से अमेरिकी नेवी को खतरा हो सकता है। ऐसे मिसाइल की सबसे बड़ी विशेषता यह होती है कि यह दुश्मन को रिएक्ट करने के लिए सबसे कम समय देते हैं। जबकि बैलिस्टिक मिसाइल के लैंड और सी वैरियंट को लॉन्च करते ही दुश्मन को सूचना मिल जाती है।
मिसाइल को लेकर रक्षा जानकारों की बंटी हुई राय
कई रक्षा विशेषज्ञ इसे चीन की DF-21D मिसाइल का नेवल वर्जन बताते हैं। जबकि, देखने में यह मिसाइल चीन के DF-17 जैसी लगती है क्योंकि इसके भी आगे का हिस्सा हाइपरसोनिक ग्लाइड वाहन (HGV) जैसे दिखाई देता है। चीन के तरफ से कभी भी इस मिसाइल को लेकर कोई आधिकारिक जानकारी साझा नहीं की गई है।
2500 किमी तक मार कर सकती है DF-17 मिसाइल
चीन की DF-17 मिसाइल 2500 किलोमीटर दूर तक हाइपरसोनिक स्पीड से अपने लक्ष्य को भेद सकती है। इस मिसाइल को पहली बार पिछले साल चीन की स्थापना के 70वें वर्षगांठ के अवसर पर प्रदर्शित किया गया था। यह मिसाइल 15000 किलोग्राम वजनी और 11 मीटर लंबी है, जो पारंपरिक विस्फोटकों के अलावा न्यूक्लियर वॉरहेड को भी लेकर जा सकती है। सरल भाषा में कहें तो यह मिसाइल परमाणु हमला करने में भी सक्षम है।