चीन में टेक्नोलाजी कंपनियों की मुश्किलें कम होने के बजाय बढ़ती नजर आ रही हैं। अब चीन (China) ने देश की दिग्गज आइटी कंपनियों पर शिकंजा कसने के लिए नए निर्देश जारी किए हैं। इन कंपनियों में जैक मा की अलीबाबा, टेनसेंट और टिकटाक के मालिक बाइटडांस शामिल हैं। क्रोन की खबर के मुताबिक चीन के राष्ट्रीय विकास और सुधार आयोग (एनडीआरसी), स्टेट एडमिनिस्ट्रेशन फार मार्केट रेगुलेशन और चीन के साइबरस्पेस एडमिनिस्ट्रेशन सहित नौ अलग-अलग विभागों ने संयुक्त बयान जारी कर बताया कि आनलाइन सेक्टर के विकास को कैसे विनियमित और नियंत्रित किया जाएगा। नए निर्देशों के तहत इन कंपनियों की गतिविधियों और वित्तीय क्षेत्र में निवेश पर पाबंदी लगाई गई हैं। यह निर्देश अलीबाबा और टेनसेंट के लिए बड़ा झटका हैं।
पिछले साल नवंबर में सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी ने एकाधिकार विरोधी कार्रवाई के तहत अलीबाबा समूह और टेनसेंट होल्डिंग्स (Tencent) सहित कई बड़ी प्रौद्योगिकी कंपनियों पर जुर्माना लगाया था। यह जुर्माना कारपोरेट अधिग्रहण की सूचना देने में विफल रहने के चलते लगाया गया था। स्टेट एडमिनिस्ट्रेशन फार मार्केट रेगुलेशन के अनुसार ये कंपनियां परिचालन केंद्रीकरण के नियमों के तहत आठ साल पहले हुए 43 अधिग्रहणों की सूचना देने में विफल रहीं। बयान में कहा गया कि प्रत्येक उल्लंघन में पांच लाख युआन (59 लाख रुपये) का जुर्माना लगाया गया। जुर्माने के नवीनतम दौर में अलीबाबा ग्रुप और टेनसेंट के अलावा जिन अन्य कंपनियों पर जुर्माना लगाया गया उनमें आनलाइन रिटेलर JD.com Inc. व Suning Ltd. और सर्च इंजन आपरेटर Baidu Inc. भी शामिल थे। 2013 में हुए अधिग्रहण में नेटवर्क टेक्नोलाजी, मैपिंग और मेडिकल टेक्नोलाजी एसेट्स शामिल थे।
बता दें कि बीजिंग ने 2020 के अंत से तकनीकी कंपनियों पर एकाधिकार विरोधी, डेटा सुरक्षा और अन्य कार्रवाई शुरू की। सत्तारूढ़ पार्टी को चिंता है कि कंपनियों का अपने उद्योगों पर बहुत अधिक नियंत्रण है। सरकार ने उन्हें चेतावनी दी कि वे उपभोक्ताओं को लुभाने या नए प्रतिस्पर्धियों के प्रवेश को अवरुद्ध करने के लिए अपने प्रभुत्व का उपयोग न करें।