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चीन ने सफलतापूर्वक लॉन्च किया स्पेस स्टेशन तक सामान ले जाने वाला स्पेसक्राफ्ट

Gulabi
20 Sep 2021 2:36 PM GMT
चीन ने सफलतापूर्वक लॉन्च किया स्पेस स्टेशन तक सामान ले जाने वाला स्पेसक्राफ्ट
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चीन ने सफलतापूर्वक लॉन्च किया स्पेस स्टेशन

चीन (China) ने अपने निर्माणाधीन स्पेस स्टेशन (Chinese Space Station) तियांगोंग (Tiangong) तक जरूरी सामानों की आपूर्ति के लिए सोमवार को मानव रहित मालवाहक अंतरिक्ष यान तियानझोउ-3 (Cargo spacecraft Tianzhou-3) को सफलतापूर्वक लॉन्च किया. चीन के स्पेस स्टेशन का काम अगले साल तक पूरा होने वाला है. चाइना मैन्ड स्पेस एजेंसी (CMSA) ने कहा है कि तियानझोउ-3 (Tianzhou-3) को ले जाने वाले लॉन्ग मार्च-7 वाई4 रॉकेट (Long March-7 Y4 rocket) को दक्षिणी हैनान प्रांत (Hainan) में वेनचांग अंतरिक्ष यान प्रक्षेपण स्थल से प्रक्षेपित किया गया.

CMSA ने कहा कि तियानझोउ-3 अंतरिक्ष स्टेशन के कोर मॉड्यूल तियानहे (Tianhe) और तियानझोउ-2 (Tianzhou-2) कार्गो क्राफ्ट के साथ जुड़ेगा. तियानझोउ श्रृंखला मालवाहक स्पेसक्राफ्ट (cargo spacecraft) है, जो स्पेस स्टेशन के लिए सामग्री की आपूर्ति करता है. तियानझोउ-2 कार्गो क्राफ्ट (Tianzhou-2 cargo craft) तियानहे के पिछले डॉकिंग पोर्ट से 18 सितंबर को अलग हो गया और इसे सामने के डॉकिंग पोर्ट के साथ जोड़ा गया. सरकारी समाचार एजेंसी 'शिन्हुआ' के अनुसार CMSA ने कहा है कि तियानहे और तियानझोउ-2 का संयोजन अच्छी स्थिति में है.
17 सितंबर को धरती पर लौटे चीनी एस्ट्रोनोट
'शिन्हुआ' के अनुसार, तियानझोउ-3 कार्गो क्राफ्ट और इंसानों को ले जाने वाला अगला मिशन शेनझोउ-13 स्पेसक्राफ्ट (Shenzhou-13 spaceship) के साथ जुड़ने की प्रतीक्षा कर रहा है. मिशन के साथ सबसे लंबे समय तक यानि 90 दिन बिताने वाले तीन चीनी अंतरिक्ष यात्री (Chinese astronauts) 17 सितंबर को धरती पर लौट आए. तीनों ने स्पेस स्टेशन (Space Station) के निर्माण में तीन महीने गुजारे. उन्होंने पृथ्वी (Earth) से लगभग 380 किलोमीटर ऊपर चीन के स्पेस स्टेशन पर तियानहे मॉड्यूल (Tianhe module) में 90 दिन गुजारे.
ISS का प्रतियोगी बनेगा चीनी स्पेस स्टेशन
हालिया मंगल (Mars Mission) और पूर्व में चंद्र अभियानों (Moon missions) के बाद अंतरिक्ष परियोजना को चीन के लिए बेहद खास और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण माना जा रहा है. निचली कक्षा में स्थित स्पेस स्टेशन के जरिए चीन लगातार दुनिया पर नजर रख सकेगा. निर्माण कार्य पूरा होने के बाद चीन इकलौता ऐसा देश होगा जिसके पास अपना स्पेस स्टेशन होगा, जबकि पुराना हो रहा अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) कई देशों की भागीदारी वाली परियोजना थी. ये ISS के लिए एक प्रतियोगी के रूप में तैयार होगा. शायद ISS के सेवानिवृत्त होने के बाद कक्षा में रहने वाला एकमात्र स्पेस स्टेशन बन सकता है.
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