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चीन प्रवक्ता ने भारत और अमेरिका को लोकतंत्र पर दिया लेक्चर, कहा- ये किसी का पेटेंट नहीं

Neha Dani
29 July 2021 3:59 AM GMT
चीन प्रवक्ता ने भारत और अमेरिका को लोकतंत्र पर दिया लेक्चर, कहा- ये किसी का पेटेंट नहीं
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लेकिन स्पष्ट रूप से उनका इशारा भारत और अमेरिका के लिए था.

अपने देश में बोलने एवं विचार रखने की आजादी को कुचलने और एक पार्टी के रूप में सत्ता चलाने वाला चीन (China) भारत और अमेरिका को लोकतंत्र (Democracy) पर लेक्चर दे रहा है. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान (Zhao Lijian) बुधवार को दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत और सबसे पुराने लोकतंत्र अमेरिका (America) को लोकतंत्र पर सबके देने लगे. दरअसल, चीन को ये मिर्ची इसलिए लग रही है, क्योंकि अमेरिका ने लगातार शिनजियांग और हांगकांग में लोगों की आवाज कुचलने को लेकर बीजिंग को घेरा है. दूसरी ओर, भारत और अमेरिका सत्तावादी चीन को घेरने का प्रयास कर रहे हैं.

चीन की तरफ से ये बयान ऐसे समय पर आया है, जब अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन (Antony Blinken) भारत दौरे पर आए हैं. ब्लिंकन ने इस दौरान लोकतंत्र के खिलाफ बढ़ते वैश्विक खतरे को लेकर बात की और कहा कि भारत और अमेरिका को एक साथ इन खतरे वाले विचार के खिलाफ खड़ा होना चाहिए. ब्लिंकन के इस जवाब के संबंध में ब्लूमबर्ग के रिपोर्टर ने बुधवार को झाओ लिजियान से सवाल किया कि क्या अमेरिकी विदेश मंत्री का इशारा चीन की तरफ था. ये सुनकर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने लोकतंत्र पर लेक्चर की शुरुआत कर दी.
चीनी प्रवक्ता ने अमेरिका को लेकर क्या कहा?
झाओ लिजियान ने कहा, मैं इस बात पर जोर देना चाहता हूं कि लोकतंत्र मानवता का साझा मूल्य है. यह किसी देश का पेटेंट नहीं है. लोकतंत्र को साकार बनाने का तरीका उसे विविध करना है, न कि पैटर्न बनाना और एक उत्तर देना. एक बहुदलीय राजनीतिक संरचना लोकतंत्र का एकमात्र रूप नहीं है और लोकतंत्र का इस्तेमाल टकराव को भड़काने के लिए नहीं किया जा सकता है. अमेरिका के संदर्भ में चीनी प्रवक्ता ने कहा, कुछ देश खुद को लोकतांत्रिक होने का दावा करते हैं. लेकिन वे अन्य मुद्दों के साथ-साथ नस्लीय भेदभाव, राजनीतिक ध्रुवीकरण की समस्याओं का सामना कर रहे होते हैं. क्या यह उस तरह का लोकतंत्र है जिस पर उन्हें गर्व है?
चीनी प्रवक्ता ने भारत को लेकर क्या कहा?
पड़ोसी देश भारत को लेकर चीन ने कहा कि भारत में पैसा चुनाव जीताता है. झाओ लिजियान ने कहा, कुछ देशों में पैसे के बिना आपको वोट नहीं मिल सकते. राजनीतिक दल अपने हितों को जनता से ऊपर रखते हैं. यह लोकतंत्र है या अमीरों का उत्थान? कुछ लोकतांत्रिक देशों में दूसरों का विकास होता है. ये लोकतंत्र है या आधिपत्य? क्या आप ऐसा लोकतंत्र चाहते हैं? झाओ ने कहा कि कौन सा देश लोकतांत्रिक है और कौन सा निरंकुश है, यह तय करने का तरीका एक निश्चित देश द्वारा तय नहीं किया जाना चाहिए. झाओ ने भारत या अमेरिका का नाम नहीं लिया. लेकिन स्पष्ट रूप से उनका इशारा भारत और अमेरिका के लिए था.

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