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चीन ने शेयर किया भारतीय पत्रकार अर्णब गोस्वामी का वीडियो, जानिए वजह
jantaserishta.com
30 March 2022 5:08 AM GMT
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नई दिल्ली: चीन के विदेश मंत्री वांग यी हाल ही में भारत के दौरे पर आए थे। इस दौरे में भारत और चीन के बीच कोई समझौता नहीं हुआ, लेकिन दोनों देशों में आगे बातचीत जारी रहने पर सहमति जरूर बनी। इस दौरे की चीन में भी ज्यादा चर्चा नहीं हुई, लेकिन दिलचस्प बात यह है कि चीन में भारतीय पत्रकार अर्णब गोस्वामी ट्रेंड हो रहे हैं। दरअसल रिपब्लिक टीवी चैनल की डिबेट में एक अमेरिकी प्रोफेसर कहते हैं कि भारत को यूक्रेन हमले को लेकर रूस का साथ छोड़कर अमेरिका के साथ आ जाना चाहिए। इस पर अर्णब गोस्वामी आक्रामक हो जाते हैं और कहते हैं कि अमेरिका खुद को लोकतंत्र और मानवाधिकार का चैंपियन नहीं कह सकता।
इस वीडियो को चीन के फ्रांस स्थित दूतावास की ओर से शेयर किया गया है, जिसे अब तक 1 मिलनयन से ज्यादा लोग देख चुके हैं। चीन में इस वीडियो को 'इंडियन होस्ट एंग्री विद अमेरिकन स्कॉलर' हैशटैग के साथ शेयर किया जा रहा है और गोस्वामी की तारीफ की जा रही है। अर्णब गोस्वामी अमेरिकी प्रोफेसर पर बरसते हुए कहते हैं, 'आप नैतिक रूप से लोकतंत्र के गार्जियन नहीं हो सकते हैं। आप अत्याचारों को बढ़ाने वाले हैं। आपने इराक, सोमालिया, सीरिया और नाइजर समेत 6 देशों पर हमले कर चुके हैं।' अर्णब गोस्वामी ने कहा कि इराक पर अमेरिकी हमले के शुरुआती दो महीनों में ही 7,186 लोग मारे गए थे, तब आपकी नैतिकता कहां चली गई थी।
अर्णब गोस्वामी की इस क्लिप को चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की यूथ विंग ने भी वीबो अकाउंट पर शेयर किया है। वीबो चीन का सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म है। यही नहीं चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने भी अपने पर्सनल वीबो अकाउंट पर इसे वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, 'होस्ट का तारीफ तो बनती है।' यही नहीं चीन के कई दूतावासों और राजनयिकों की ओर से अर्णब गोस्वामी के वीडियो को शेयर किया जा रहा है और जमकर तारीफ की जा रही है। बता दें कि भारत ने यूक्रेन पर हमले को लेकर किसी का भी पक्ष नहीं लिया है। यही नहीं संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद समेत कई मंचों पर रूस के खिलाफ हुई वोटिंग में भी हिस्सा नहीं लिया है।
"America is in no position to pretend to be the guardian of democracy and human rights!" Indian anchor debating with an American professor.
— Ambassade de Chine en France (@AmbassadeChine) March 25, 2022
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