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बीजिंग। अपने नागरिकों को रूस में प्रवेश करने से रोकने को लेकर चीन ने रूस को जमकर खरी-खोटी सुनाई है। सभी जानते हैं कि चीन मौका मिलने पर किसी को भी बख्शता नहीं है। अब चीन ने एक छोटी सी बात पर अपने सबसे करीबी, शक्तिशाली दोस्त रूस की आलोचना की है। मॉस्को में चीनी दूतावास ने चीन के नागरिकों को रूस में प्रवेश से इनकार करने पर रूसी अधिकारियों की आलोचना की है। चीनी दूतावास ने इसे रूसी अधिकारियों का अपने नागरिकों के प्रति क्रूर व्यवहार बताया है। दूतावास ने एक पोस्ट में कहा कि इस घटना में रूस की क्रूर और अत्यधिक कानून-प्रवर्तन गतिविधियों ने चीनी नागरिकों के वैध अधिकारों और हितों का गंभीर उल्लंघन किया है। चीनी दूतावास ने कहा कि उसके पांच नागरिकों से एक से चौकी पर चार घंटे तक पूछताछ की गई। इन चीनी नागरिकों ने 29 जुलाई को रूस-कजाकिस्तान सीमा पार करने का प्रयास किया था। कानून के अनुसार, उनके पर्यटक वीजा को रद्द कर दिया गया, उनके प्रवेश से इनकार कर दिया गया।
हालांकि दूतावास ने कहा कि चीनी नागरिकों से मिले वीडियो की समीक्षा करने के बाद उसे रूसी विदेश मंत्रालय, फेडरल सिक्योरिटी ब्यूरो और फेडरल बॉर्डर गार्ड सर्विस के साथ शेयर किया है। चीनी दूतावास ने अपने बयान में यह भी कहा कि यह घटना चीन-रूस मित्रता की बड़ी तस्वीर और दोनों देशों के बीच मैत्रीपूर्ण लोगों के बीच आदान-प्रदान की बढ़ती प्रवृत्ति के खिलाफ है। पोस्ट में रूस से घटना का कारण स्पष्ट करने, बुरे प्रभाव को खत्म करने के लिए सक्रिय कदम उठाने और यह सुनिश्चित करने की मांग की गई कि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों। बता दें कि पिछले साल रूस के यूक्रेन पर हमले से कुछ दिन पहले बीजिंग में एक संयुक्त बयान में व्लादिमीर पुतिन और शी जिनपिंग इस बात पर सहमत हुए थे कि उनके देशों के बीच सहयोग में कोई क्षेत्र अछूता नहीं है।
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