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अब चुनावी प्रक्रिया में संशोधन करके चीन ने हांगकांग की लोकतांत्रिक प्रक्रिया को ही खत्म कर दिया है।
चीन ने हांगकांग के संविधान संशोधन को मंजूरी देते हुए विधायिका में प्रत्यक्ष तौर पर निर्वाचित सीटों की संख्या में तेजी से कमी कर दी है। क्षेत्र में पहले से ही विवादास्पद लोकतांत्रिक आंदोलन के लिए यह एक बड़ा झटका है क्योंकि अब शहर के विधानमंडल पर चीन का और अधिक नियंत्रण हो जाएगा।
चीनी शीर्ष विधायिका की दो दिनी बैठक के बाद मंगलवार को इन बदलाव की घोषणा की गई। नेशनल पीपुल्स कांग्रेस की स्थायी समिति ने दो दिवसीय सत्र के आखिरी दिन संशोधनों को पारित कर दिया।
वर्तमान में हांगकांग की 70 सीटों वाली विधायिका में 35 सीटों पर सीधे निर्वाचन होता था जबकि अब नए संशोधन के बाद इनका विस्तार 90 सीटों तक कर दिया गया है। लेकिन नए संशोधन में सिर्फ 20 सीटें जनता द्वारा चुनी जाएंगी।
इस तरह क्षेत्र में लोकतांत्रिक व्यवस्था के पक्षधरों को पर काट दिए गए हैं। अब चुनाव समिति के सदस्य भी 1,200 से बढ़ाकर 1,500 किए जाएंगे। यह कदम हांगकांग में राजनीतिक विरोध और विरोध में शासन करने की कोशिशों का हिस्सा है, जो चीन का हिस्सा है, लेकिन पूर्व ब्रिटिश उपनिवेश के रूप में एक अधिक उदार राजनीतिक प्रणाली रही है।
लागू हो चुका है राष्ट्रीय सुरक्षा कानून
इससे पहले हांगकांग में लगातार हो रहे चीन के विरोध के चलते लोकतांत्रिक आंदोलनों को कुचलने के लिए बीजिंग ने यहां पिछले साल राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू किया था। इस कदम के तहत कई लोकतंत्र का पक्ष लेने वाले नेताओं को कैद में डाला गया। अब चुनावी प्रक्रिया में संशोधन करके चीन ने हांगकांग की लोकतांत्रिक प्रक्रिया को ही खत्म कर दिया है।
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