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चीन: बुरा व्यवहार या अपराध करने वाले बच्चों के माता-पिता को सजा देने का प्रावधान, आराम करने और खेलने का तय किया जाएगा समय

Shiddhant Shriwas
19 Oct 2021 2:41 AM GMT
चीन: बुरा व्यवहार या अपराध करने वाले बच्चों के माता-पिता को सजा देने का प्रावधान, आराम करने और खेलने का तय किया जाएगा समय
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बहुत बुरा व्यवहार या अपराध करने वाले बच्चों के माता-पिता को सार्वजनिक रूप से फटकार लगाई जाएगी और उन्हें परिवार शिक्षा कार्यक्रम में शामिल होने के लिए भेजा जाएगा।

चीन की संसद ऐसा कानून बनाने पर विचार कर रही है, जिसके तहत बहुत बुरा व्यवहार या अपराध करने वाले बच्चों के माता-पिता को भी सजा देने का प्रावधान होगा। परिवार शिक्षा संवर्द्धन कानून के मसौदे के अनुसार बहुत बुरा व्यवहार या अपराध करने वाले बच्चों के अभिभावकों को बनने वाले कानून के तहत सार्वजनिक रूप से फटकार लगाई जाएगी और उन्हें परिवार शिक्षा कार्यक्रम में शामिल होने के लिए भेजा जाएगा। इस प्रोग्राम में उन्हें बच्चों की देखभाल के तरीकों के बारे में बताया जाएगा। बताया जाएगा कि वे किस तरह से अपने बिगड़े बच्चों को वे सुधार सकते हैं।

परिवार में व्यावहारिक शिक्षा का अभाव

नेशनल पीपुल्स कांग्रेस के विधायी मामलों के आयोग के प्रवक्ता जेंग ताइवे के अनुसार, किसी नाबालिग बच्चे के बुरा व्यवहार करने के बहुत से कारण होते हैं। लेकिन सबसे बड़ा कारण परिवार में व्यावहारिक शिक्षा का अभाव होता है। इसी सप्ताह संसद की स्थायी समिति विधेयक के मसौदे की समीक्षा करेगी।

उसकी स्वीकृति के बाद प्रारूप को विधेयक के रूप में संसद के समक्ष विचार के लिए रखा जाएगा। इसमें बताया जाएगा कि माता-पिता किस तरह से बच्चों के आराम, खेलने और व्यायाम के लिए समय सुनिश्चित करें।

बच्चों को बुरी चीजों की लत से बचाने पर जोर

सरकार इस साल से बच्चों को बुरी चीजों की लत से बचाव के लिए कई कदम उठा रही है।

बच्चों में ऑनलाइन गेम की लत को कम करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। इसे अफीम की तरह नशा कहा गया है।

शिक्षा मंत्रालय ने इंटरनेट गेमिंग के घंटे सीमित किए हैं।

बच्चों को शुक्रवार, शनिवार और रविवार को एक-एक घंटे ही इंटरनेट गेम खेलने की अनुमति है।

इंटरनेट के सेलिब्रिटी की भगवान जैसी पूजा और बच्चों में उनका असर कम करने की कोशिश भी की जा रही है।

ट्यूशन पर लगाई रोक होमवर्क में भी कटौती

शिक्षा मंत्रालय ने बच्चों को स्कूल से मिलने वाले होमवर्क में भी कटौती करने का निर्देश दिया है।

स्कूल के बाद ट्यूशन की पढ़ाई पर भी रोक लगाई।

सप्ताहांत और छुट्टी वाले दिनों में ही प्रमुख विषयों की ट्यूशन पढ़ाई जा सकेगी।

पढ़ाई का बोझ कम करके बच्चों को हंसता-खेलता बनाने के लिए यह उपाय किए जा रहे हैं।

बच्चों को मानसिक रूप से मजबूत बनाने और बहुमुखी विकास पर जोर

युवाओं को पुरुष वाले गुण विकसित करने के लिए भी कहा है।

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