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उन्होंने ताइवान की ओर से स्वतंत्रता के लिए किए जाने वाली सभी कोशिशों को खत्म करने की बात भी कही ।
ताइवान और चीन का विवाद लगातार बढ़ता ही जा रहा है। चीन ने ताइवान स्ट्रेट (Taiwan Strait) के पास अपनी सेना और सैन्य गतिविधियों को बढ़ा दिया है। चीन ने यह कदम अमेरिका और उसके सहयोगी देशों को ताइवान स्ट्रेट में हस्तक्षेप करने से रोकने और अपनी ताकत का प्रदर्शन करने के लिए उठाया है।
ताइवान स्ट्रेट पर कर रहा अभ्यास
चीन ताइवान स्ट्रेट के पास चीनी जहाज से बम गिरा रहा है और अपने सैनिकों को ट्रैनिंग देने के लिए लाइव-फायर का अभ्यास भी कर रहा है। साथ ही दक्षिण चीन सागर के क्षेत्रों में समुद्री खदानें बिछा रहा है। चीन के सबसे लेटेस्ट बमवर्षक विमान एच-6जे (H-6J) ने ज्यादा विस्फोटक हवाई बमों का इस्तेमाल करके लाइव-फायर में एक क्रम के तहत बम गिराने और समुद्री खदान बिछाने का एक साथ अभ्यास भी किया।
अमेरिकी नौसैना के आगे कमजोर एच-6जे
क्रिस ओसबोर्न ने कहा कि एच-6जे जैसा एक बमवर्षक विमान अमेरिकी नौसैना की पांचवीं पीढ़ी के विमान से जहाज लान्च होने के बाद बहुत ही कमजोर होगा। इसे ड्रोन और नेटवर्क ग्राउंड सर्विलांस सिस्टम के माध्यम से आसानी से देखा जा सकता है। राष्ट्रीय हित के अनुसार एच-6जे जैसा बड़ा बमवर्षक विमान सतह के जहाजों से आने वाली विमान-रोधी आग की चपेट में आ सकता है। यह इस बात पर निर्भर है कि एच-6जे तटीय क्षेत्रों में खदानों को बिछाने के लिए कितनी कम ऊंचाई पर उड़ता है।
ताइवान स्वतंत्रता मतलब युद्ध
आपको बता दें कि चीन और ताइवान अलग-अलग शासित देश हैं। सात दशकों से अलग-अलग शासित होने के बावजूद चीन ने कहा कि ताइवान स्वतंत्रता का मतलब युद्ध है। 1 जून को चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने स्व-शासित ताइवान को एक बार फिर चीन के साथ जोड़ने का संकल्प लिया। साथ ही उन्होंने ताइवान की ओर से स्वतंत्रता के लिए किए जाने वाली सभी कोशिशों को खत्म करने की बात भी कही ।
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