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चीन ने श्रीलंका की मदद के लिए भारत की तारीफ की, कहा- हम इस मसले पर आपके साथ

Kajal Dubey
8 Jun 2022 1:48 PM GMT
चीन ने श्रीलंका की मदद के लिए भारत की तारीफ की, कहा- हम इस मसले पर आपके साथ
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चीन ने श्रीलंका के सबसे खराब वित्तीय संकट से निपटने में मदद करने के लिए भारत की तारीफ की है। चीन ने बुधवार को कहा है कि भारत ने श्रीलंका की मदद के लिए भरपूर प्रयास किया। इसकी प्रशंसा की जानी चाहिए। इस दौरान उसने श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे की टिप्पणी का भी खंडन किया। गौरतलब है कि राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने कहा था कि बीजिंग ने अपना रणनीतिक ध्यान पाकिस्तान सहित दक्षिण एशिया से हटा लिया है। इस पर चीन ने दक्षिण पूर्व एशिया के लिए कहा कि यह क्षेत्र अभी भी उसकी प्राथमिकता बना हुआ है।
भारत की तारीफ की
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने बीजिंग में कहा कि हमने यह भी देखा है कि भारत सरकार ने इस मुद्दे को लेकर बहुत प्रयास किए हैं। उन्होंने कहा कि हम इसे स्वीकार करते हैं। जब द्वीप राष्ट्र सबसे खराब आर्थिक संकट का सामना कर रहा है तो कई देश उसकी मदद करने में झिझक रहे हैं। उन्होंने कहा कि श्रीलंका और अन्य देशों की मदद करने हम भारत और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के अन्य सदस्यों के साथ हैं। हम इन विकासशील देशों को इस स्थिति से उबरने में मदद करने के लिए तैयार हैं।
भारत ने की है श्रीलंका की मदद
भारत ने श्रीलंका की मदद के लिए क्रेडिट लाइन और अन्य तरीकों से लगभग 3 बिलियन अमरीकी डालर की सहायता की है। वहीं, चीन ने आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के लिए 500 मिलियन आरएमबी (लगभग 73 मिलियन अमरीकी डालर) की सहायता की घोषणा की है, लेकिन राष्ट्रपति राजपक्षे के ऋण चुकाने को स्थगित करने के अनुरोध और कोलंबो के लिए 2.5 बिलियन अमरीकी डालर की ऋण सुविधा पर विचार करने की अपनी पूर्व घोषणा के बारे में कोई टिप्पणी नहीं की।
राजपक्षे ने कहा था कि चीन नहीं दे रहा ध्यान
चीन श्रीलंकाई राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे की टिप्पणी से नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा था कि चीन दक्षिण-पूर्व एशिया और अफ्रीका की ओर अपना रणनीतिक ध्यान केंद्रित कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि वित्तीय संकट के समय में दक्षिण एशियाई देशों की तरफ चीन पहले की तरह ध्यान नहीं दे रहा है।
चीन ने दी प्रतिक्रिया
राजपक्षे के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रवक्ता झाओ ने कहा कि एक पारंपरिक, मैत्रीपूर्ण पड़ोसी के रूप में चीन हमेशा श्रीलंका की स्थिति पर बारीकी से नजर रखे हुए है। हम देश के सामने मौजूदा कठिनाइयों और चुनौतियों के लिए गहराई से महसूस करते हैं। हम उस देश के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए सहायता प्रदान करने के लिए अपनी पूरी कोशिश कर रहे हैं।
गौरतलब है कि श्रीलंका ब्रिटेन से 1948 में आजाद होने के बाद से अब तक अपने सबसे खराब आर्थिक संकटों का सामना कर रहा है। विदेशी मुद्रा की कमी के कारण वहां महंगाई चरम पर है। खाद्य संकट खड़ा हो गया है।
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