चीन इस समय दुनियाभर के देशों के साथ 'डेट-ट्रैप डिप्लोमेसी' का कार्ड खेल रहा है। इसके जरिए चीन पहले इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के नाम पर विदेशी देशों को कर्ज देता है। इसके बाद जब कर्ज लिए देश इसे चुकाने में सक्षम नहीं होते तो वह उनके संसाधनों पर कब्जा करना शुरू कर देता है। इसका ताजा उदाहरण श्रीलंका है। श्रीलंका को कर्ज के बदले में अपना एक पोर्ट हंबनटोटा चीन को देना पड़ा। चीन की इस खतरनाक लोन डिप्लोमेसी ने कई देशों को अपने कर्ज के चंगुल में फंसा दिया है। चीन की महत्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड परियोजना में कई देश चीन के कर्ज में डूब चुके हैं। बता दें कि चीन की बेल्ट एंड रोड प्रोजेक्ट दुनिया की सबसे महंगी परियोजना है। आइए जानते हैं कि क्या है चीन की लोन डिप्लोमेसी। इसके क्या होंगे दूरगामी परिणाम? आखिर चीन किस योजना पर कर रहा है काम? भारत किस तरह से हो रहा है प्रभावित?