चीन ने मानी विदेश मंत्री एस जयशंकर की बात, 1300 भारतीय छात्रों को दिया वीजा
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चीन ने भारतीय छात्रों के लिए ढाई साल बाद अपने दरवाजे खोल दिए हैं। कोरोना यात्रा प्रतिबंध के कारण दो सालों से भी घर पर रहने को मजबूर छात्रों के चेहरे पर चीन के फैसले से मुस्कान आई है। हालांकि चीन और भारत के बीच फिलहाल सीधी उड़ानें शुरू होने की संभावना नहीं है। चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि 1300 से ज्यादा भारतीय छात्रों को वीजा प्रदान किया गया है। इसके साथ ही करीब 300 उद्योगपतियों ने China Airlines के लिए चार्टर्ड फ्लाइट से यिवू सिटी और झेजियांग प्रांत के लिए उड़ान भरी है।
विदेश मंत्रालय के एशियाई मामलों के विभाग के चीनी महानिदेशक लियू जिनसोंग ने चीन में भारतीय राजदूत प्रदीप रावत से मुलाकात की और उन्हें प्रगति की जानकारी दी। बता दें कि कोविड संकट के कारण हजारों भारतीय छात्रों की पढ़ाई बीच में ही रुक गई थी। चीन में पढ़ने वाले भारतीय छात्रों में सबसे ज्यादा संख्या मेडिकल छात्रों की है। आंकड़ों के मुताबिक 23 हजार से ज्यादा भारतीय छात्र चीन में पढ़ाई कर रहे हैं, जिनमें से अधिकतर छात्र मेडिकल की पढ़ाई से जुड़े हुए हैं।
भारतीय स्टूडेंट्स को चीन वापस बुलाने को लेकर भारत लंबे समय से अपील कर रहा था। भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस मुद्दे पर चीनी विदेश मंत्री वांग यी से जुलाई 2022 में ही बात की थी। तब विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीनी विदेश मंत्रालय से भारतीय छात्रों के लिए चीनी वीजा की प्रक्रिया तेज करने पर जोर दिया था। जुलाई से पहले भी मार्च 2022 में जब चीन के विेदश मंत्री वांग यी दिल्ली के दौरे पर आए थे, तब भी विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारतीय छात्रों के लिए चीन के वीजा की प्रक्रिया को तेज करने की बात कही थी।
हांगकांग के रास्ते चीन जाना संभव कोविड-19 महामारी संबंधी नियमों में बदलाव के बिना भारत और चीन के बीच सीधी उड़ानों का संचालन फिलहाल फिर से शुरू होने की संभावना नहीं है। कोविड प्रतिबंधों के कारण व्यापारियों के लिए उड़ान में व्यवधान एक बड़ी समस्या बन गया है। हालांकि उड़ानों के फिर से शुरू नहीं होने की संभावना को देखते हुए भारतीयों को हांगकांग से यात्रा करने की सलाह दी जा रही है।
भारत और हांगकांग के बीच दैनिक उड़ान सेवाओं का संचालन हो रहा है। ऐसी स्थिति में भारतीय हांगकांग से चीन के शहरों के लिए उड़ान भर सकते हैं, जहां उन्हें सात दिन तक क्वारंटाइन में रहना होगा। भारतीय यात्री चीन के लिए फिलहाल श्रीलंका, नेपाल और म्यांमार जैसे देशों से यात्रा कर रहे हैं।
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