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पाकिस्तान की सबसे बड़ी परियोजना के लिए 6 अरब डॉलर का कर्ज देने को तैयार नहीं चीन

Neha Dani
10 May 2021 2:25 AM GMT
पाकिस्तान की  सबसे बड़ी परियोजना के लिए 6 अरब डॉलर का कर्ज देने को तैयार नहीं चीन
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इससे चीन को मध्य एशिया के तेल तक आसान पहुंच बनाने में मदद मिलेगी।

भारत के तमाम विरोध के बावजूद गुलाम कश्मीर में बनाए जा रहे चीन-पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर (सीपैक) की राह मुश्किल हो गई है। पाकिस्तान के कर्ज के बढ़ते पहाड़ से पैदा हुई चिंता के कारण इस कॉरिडोर की सबसे बड़ी परियोजना के लिए चीन 6 अरब डॉलर का कर्ज मंजूर करने को तैयार नहीं है।

सीपैक चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की महत्वाकांक्षी 'वन बेल्ट, वन रोड' परियोजना का हिस्सा है। इस योजना को जिनपिंग आधुनिक सिल्क रूट मानते हैं, जो चीन को सड़क और रेल के रास्ते सीधे यूरोप तक जोड़ने के लिए तैयार की गई है।
सीपैक से जुड़ी मेनलाइन-1 (एमएल-1) रेल परियोजना की लागत 9 अरब डॉलर की थी, लेकिन बाद में इसे घटाकर 6.8 अरब डॉलर कर दिया गया था। एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, चीनी अधिकारियों ने पाकिस्तान की कर्ज चुकाने की योग्यता पर संदेह और चिंता जताई है।
रिपोर्ट में पाकिस्तानी अधिकारियों के हवाले से कहा गया है कि बीजिंग ने 30 मार्च को परियोजना के वित्त पोषण से जुड़ी बैठक में अपनी चिंता जाहिर कर दी थी।
रिपोर्ट में पाकिस्तान योजना आयोग के डिप्टी चेयरमैन डॉ. जेहनजेब खान ने कहा है कि चीन ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के कार्यक्रम के दौरान पाकिस्तान की तरफ से आगे कर्ज बढ़ाए जाने की संभावना को लेकर स्पष्टीकरण मांगा है।
पाकिस्तान ने यह कहा है कि कर्ज के हालात पर नजर रखी जा रही है और आईएमएफ कार्यक्रम में अहम परियोजनाओं के लिए कर्ज जुटाने पर कोई रोक नहीं है।
46 अरब डॉलर का है कॉरिडोर
2015 में चीन ने पाकिस्तान में करीब 46 अरब डॉलर के इस आर्थिक कॉरिडोर के निर्माण की घोषणा की थी। इस कॉरिडोर के जरिये चीन की योजना पाकिस्तान में अपना प्रभाव बढ़ाने और पूरे मध्य व दक्षिण एशिया में अमेरिका व भारत के प्रभाव को टक्कर देने की है।
इस परियोजना में चीन के पश्चिमी शिंजियांग क्षेत्र को पाकिस्तान के बलूचिस्तान में अरब सागर के किनारे ग्वादर बंदरगाह तक सड़क और रेल मार्ग का निर्माण होना है। साथ ही इसके साथ-साथ तेल पाइपलाइन को बिछाने की भी योजना है। इससे चीन को मध्य एशिया के तेल तक आसान पहुंच बनाने में मदद मिलेगी।


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