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राष्ट्रपति शी चिनफिंग की इतने समय में हुई पहली विदेश यात्रा की वजह का खुलासा भी किया है।
उजबेकिस्तान में जारी शंघाई सहयोग संगठन में रूस और यूक्रेन युद्ध को लेकर नेताओं ने अपने जो विचार व्यक्त किए हैं उसको देखते हुए ये सम्मेलन काफी खास माना जा रहा है। इस सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए जहां चीन के राष्ट्रपति कोरोना महामारी के बाद से पहली बार देश से बाहर निकले हैं वहीं रूस के राष्ट्रपति भी यूक्रेन से युद्ध छिड़ने के बाद पहली बार रूस के बाहर आए हैं। चीन की सरकार के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स में राष्ट्रपति शी चिनफिंग की इतने समय में हुई पहली विदेश यात्रा की वजह का खुलासा भी किया है।
उजबेकिस्तान को पहली विदेश यात्रा के लिए क्यों चुना
चीन के रणनीतिकारों का कहना है कि चीन का अपने पड़ोसी देशों की तरफ विशेष ध्यान है। वहां पर होने वाली उठापटक चीन को प्रभावित करती है। इसलिए चीन चाहता है कि उसके पड़ोसी देशों में शांति और आपसी सहयोग बना रहे। इसलिए शी ने इतने समय बाद पहली विदेश यात्रा के तौर पर उजबेकिस्तान को चुना है।
यूक्रेन पर हमले से खुश नहीं चीन
SCO-2022 सम्मेलन से इतर हुई राष्ट्रपति शी चिनफिंग और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मुलाकात में एक बात बेहद साफतौर पर उभर कर आई है, वो ये है कि यूक्रेन पर हमले से चीन खुश नहीं है। खुद राष्ट्रपति पुतिन ने इस पर चीन की चिंता जाहिर की है। उन्होंने अपने बयान में यहां तक कहा है कि वो चीन के विचारों का पूरा सम्मान करते हैं। दोनों नेताओं की मुलाकात के बाद जो कुछ सामने आया है उससे अमेरिका को लेकर एक समान विचार भी स्पष्ट हुए हैं।
अमेरिका का नाम लिए बिना की आलोचना
चीन और रूस ने बिना अमेरिका का नाम लिए साफ कहा कि जिस तरह से दुनिया का एक ध्रुवीय बनाने की कोशिश की जा रही है वो सही नहीं है। चीन ने भी इस मौके पर रूस का साथ बखूबी दिया है। चीन के राष्ट्रपति ने साफ कहा है कि रूस विश्व की एक बड़ी ताकत है, इसलिए उसको अलग-थलग करना सही नहीं है। वहीं चीन ने जहां यूक्रेन पर हमले को जायज ठहराया है वहीं रूस ने अपने बयानों में साफ कर दिया है कि वो वन चाइना पालिसी का समर्थन करता है। इस नाते ताइवान पर चीन के रुख का पूरा समर्थन भी करता है।
वन चाइना पालिसी पर समर्थन
चीन के मुखपत्र में कहा गया है कि सम्मेलन में शामिल नेताओं ने चीन की वन चाइना पालिसी का समर्थन किया है और साथ ही उसके आंतरिक मामलों में बाहरी ताकतों की मौजूदगी को उसकी संप्रभुता पर हमला बताया है।
रूस और चीन की नजदीकी
रूस और चीन के राष्ट्राध्यक्ष बैठक के दौरान इस बात को लेकर सहमत हुए हैं कि जिस तेजी से दुनिया में रणनीतिक और राजनीतिक समीकरण बदल रहे हैं उनमें वो विश्व को स्थिर करने में अहम भूमिका निभाएंगे। आपको बता दें कि रूस और चीन दोनों के ही अमेरिका से मतभेद है। ऐसे में दोनों ही नेता आपसी मुद्दों के अलावा अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर भी साथ आए हैं। दोनों के बीच आपसी सहयोग बढ़ाने और व्यापार में आगे बढ़ने को लेकर भी काफी बातचीत हुई है।
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