विश्व
चीन: सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी का नया नियम...सार्वजनिक रूप से विरोध नहीं प्रकट कर सकेंगे सदस्य
Deepa Sahu
6 Jan 2021 1:52 PM GMT
x
चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी इस साल अपना 100वां स्थापना दिवस मनाने जा रही है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क : चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी इस साल अपना 100वां स्थापना दिवस मनाने जा रही है। इसी बीच उसने अपने 9.2 करोड़ पार्टी सदस्यों के लिए नियमों में बदलाव किया है। सदस्यों पर मतभेदों को सार्वजनिक रूप से उजागर करने पर रोक लगा दी गई है। साथ ही चेतावनी दी गई है कि इस प्रकार की गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
कार्यकर्ता हटा सकेंगे नेताओं को
चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने बुधवार को यह जानकारी दी। कम्युनिस्ट पार्टी के संशोधित नियमों में प्रावधान किया गया है कि यदि पार्टी के नेता अयोग्य पाये जाते हैं तो पार्टी कार्यकर्ताओं को उन्हें हटाने की मांग करने का अधिकार दिया गया है।
माओ ने की थी 1921 में स्थापना
बता दें, चीन की सत्तारूढ़ पार्टी की स्थापना ख्यात चीनी नेता माओत्से तुंग ने 1921 में की थी। कम्युनिस्ट पार्टी आफ चाइना यानी सीपीसी 1949 में सत्ता में आई और इस साल जुलाई में अपने शताब्दी वर्ष पर भव्य आयोजन की योजना बना रही है। सीपीसी एकदलीय प्रणाली में सबसे लंबे समय तक सत्ता में बनी रहने वाली मार्क्सवादी पार्टी है।
लोकतंत्र को बढ़ावा देने के उपाय
संशोधित नियमों में सूचना प्राप्ति और आंतरिक शिकायतों के समाधान पर नए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं और इसे पार्टी के भीतर लोकतंत्र को बढ़ावा देने के रूप में दिखाया जा रहा है। नए नियम में स्पष्ट किया गया है कि पार्टी अपने रैंक में किसी के मतभेद को बर्दाश्त नहीं करेगी, विशेष रूप से अगर सार्वजिक रूप से शिकायत की जाती है तो।
आलोचना के लिए संगठन तंत्र का इस्तेमाल करें
नए नियम में कहा गया है कि पार्टी के सदस्य आलोचना करते हैं, खुलासा करते हैं या समाधान और सजा के लिए अनुरोध करते हैं, तो उन्हें संगठन के तंत्र का उपयोग करना चाहिए। उन्हें उसे स्वतंत्र रूप से इंटरनेट पर नहीं डालना चाहिए या उसे बढ़ा-चढ़ा कर पेश नहीं करना चाहिए, तथ्यों को तोड़ना-मरोड़ना नहीं चाहिए, फर्जी तथ्य नहीं डालने चाहिए या झूठे आरोप नहीं लगाने चाहिए।
नियम पुस्तिका के प्रावधान 16 में कहा गया है कि पार्टी के सदस्यों को ऐसे विचार सार्वजनिक मंच पर नहीं रखने चाहिए जो सीपीसी की केन्द्रीय समिति के विचार के अनुरुप ना हों
Next Story