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इस बैंक ने चीनी कंपनी को अदालत के आदेश के बाद पेमेंट करने पर रोक लगा दी थी।
चीन द्वारा श्रीलंका को दूषित फर्टिलाइजर भेजने के बाद से दोनों देशों के बाद विवाद बढ़ता जा रहा है। अब चीनी फर्म ने श्रीलंका सरकार से अपने फर्टिलाइजर नमूने के परीक्षण में लापरवाही के लिए 60 करोड़ रुपये की मांग की है। बता दें कि चीन द्वारा दूषित फर्टिलाइजर भेजने के बाद से श्रीलंका ने चीनी ऑर्गनिक फर्टिलाइजर के शिपमेंट पर रोक लगा दी है। बाद में श्रीलंका सरकार के अनुरोध के बाद भारतीय वायु सेना के दो ग्लोबमास्टर विमान 4 नवंबर को फर्टिलाइजर की सप्लाई की थी।
मामले को लेकर 8 नवंबर को दोनों देश के राजनयिक मिले हैं लेकिन बातचीत किसी नतीजे पर नहीं पहुंचती दिख रही है। चीनी फर्म ने श्रीलंका के कृषि विभाग की नेशनल प्लांट क्वारंटाइन सर्विस के अधिकारियों पर अपने परीक्षण में गलत नतीजे निकालने का आरोप लगाया है। अक्टूबर में श्रीलंकाई अधिकारियों ने एक आर्गेनिक फर्टिलाइजर ले जाने वाले एक चीनी जहाज पर रोक लगा दी थी। इसके बाद से चीन श्रीलंका से नाराज चल रहा है।
मामले को लेकर चीन ने बदले की कारवाई करते हुए पीपल्स बैंक ऑफ श्रीलंका को ब्लैकलिस्ट कर दिया था। और अब कंपनी से 60 करोड़ रुपये की मांग की है। बता दें कि पीपल्स बैंक ऑफ श्रीलंका, श्रीलंका का दूसरा सबसे बड़ा कमर्शियल बैंक है। इस बैंक ने चीनी कंपनी को अदालत के आदेश के बाद पेमेंट करने पर रोक लगा दी थी।
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