ताइवान के विदेश मंत्री जोसेफ वू ने हाल ही में आजतक के साथ खास बातचीत में चीन के नापाक इरादों की पोल खोल दी थी. अब इसी इंटरव्यू को लेकर चीन फिर बौखला गया है. चीन ने अपने बयान में कहा है कि इस बातचीत के जरिए वन-चाइना पॉलिसी को लेकर गलत संदेश गया है, ऐसे में चीन की ओर से इस बातचीत का कड़ा विरोध जताया जाता है.
भारत में मौजूद चीन के दूतावास ने अपने बयान में कहा कि दुनिया में सिर्फ एक ही चीन है, जो कि अगुवाई करता है. ताइवान चीन का ही आंतरिक हिस्सा है. संयुक्त राष्ट्र भी इसी को मानता है, ऐसे में कोई भी स्थानीय नेता कुछ भी बात कह ले लेकिन सत्य अलग नहीं हो सकता है.
चीन की ओर से बयान दिया गया है कि वन चाइना-वन ताइवान का कोई मतलब नहीं है, ऐसे में ताइवान के मसले पर चीन से सवाल नहीं किया जा सकता है. भारत की सरकार भी इसी पक्ष को मानती है, ऐसे में कोई भी ऐसे ताइवान के नेताओं को अपना प्लेटफॉर्म ना दे.
आपको बता दें कि तिब्बत की तरह ही ताइवान पर भी चीन अपना कब्जा जमाता है, लेकिन ताइवान हर बार दुनिया को यही संदेश देता है कि वो अलग देश है. इसके लिए कई बार ताइवान की राष्ट्रपति और अन्य नेताओं ने भारत की तारीफ की है और उनसे समर्थन मांगा है.
इंटरव्यू में क्या बोले थे ताइवान के विदेश मंत्री?
बता दें कि ताइवान के विदेश मंत्री जोसेफ वू ने आजतक से एक्सक्लूसिव बातचीत में चीन की पोल खोल दी थी. उन्होंने कहा कि चीन अपने आर्थिक रसूख का इस्तेमाल कर रहा है और दूसरे देशों पर दबाव डाल रहा है.
उन्होंने भारत की तारीफ में कहा कि हमारे लिए भारत एक बड़ा लोकतंत्र है, जो शायद पूरी दुनिया में सबसे बड़ा लोकतंत्र है, जहां प्रेस को आजादी है. हम यह देखकर बहुत खुश हैं कि भारतीय प्रेस चीनी के दबाव में नहीं आया और हमारे साथ राष्ट्रीय दिवस मनाया.