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हांगकांग को अपनी मुठ्ठी में लेने के लिए चीन बना रहा है ये बड़ी रणनीति

Rounak Dey
13 March 2021 1:55 AM GMT
हांगकांग को अपनी मुठ्ठी में लेने के लिए चीन बना रहा है ये बड़ी रणनीति
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चीनी सरकार की तय नीतियों और योजनाओं पर मुहर लगाने के काम तक सीम‍ित है।

हांगकांग में नए सुरक्षा कानून को लागू करने के बाद चीन अब उसे पूरी तरह से अपनी मुठ्ठी में लेने की जुगत में लग गया है। हांगकांग में चीन विरोधी आंदोलन और उसके नेताओं को सबक सिखाने के बाद चीन वहां की व्‍यवस्‍था अपने हिसाब से कायम करना चाहता है। चीन ने अपनी कांग्रेस की बैठक में इस योजना का खुलासा किया है। चीन ने नेशनल पीपल्‍स कांग्रेस की बैठक में यह संकेत दिया है कि हांगकांग की चुनाव व्‍यवस्‍था में व्‍यापक बदलाव किए जाएंगे। चीन ने साफ किया है अब हांगकांग की बागडोर चीनी देशभक्‍त के हाथों में होगी। हालांकि, चीन के इस बयान पर अभी अमेरिका या ब्रिटेन की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन इसे लेकर एक बार फ‍िर अमेरिका और यूरोपीय देशों के बीच चीन का टकराव बढ़ सकता है। चीनी कांग्रेस की बैठक पर अमेरिका व अन्‍य यूरोपीय देशों की नजर ट‍िकी है। उनकी दिलचस्‍पी यह जानने में है कि हांगकांग पर चीन की नई रणनीति क्‍या है।

हांगकांग के संविधान में बड़े बदलाव की तैयारी
इस बैठक में हांगकांग के संविधान में कई अहम बदलाव हो सकते हैं। एनपीसी उपाध्‍यक्ष वांग चेन ने संकेत दिया है कि हांगकांग की चुनावी व्‍यवस्‍था में फेरबदल किया जा सकता है। उन्‍होंने कहा कि इसके चलते विपक्ष हांगकांग में आजादी की मांग उठाता रहा है। इस बैठक में चीन इन खतरों से निजात पाने का उपक्रम कर सकता है। यानी हांगकांग में आजादी की मांग करने वालों को राजनीतिक सत्‍ता से दूर करने का यत्‍न किया जा सकता है।

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की फाइल फोटो
चीन यह कदम नए राष्‍ट्रीय सुरक्षा कानून को लागू करने के बाद उठाने की पूरी योजना बना रहा है। उधर, हांगकांग के विपक्ष का कहना है कि चीन अपनी इस नीति के जरिए हांगकांग में असंतोष को दबाने की कोशिश कर रहा है। गौरतलब है कि राष्‍ट्रीय सुरक्षा कानून लागू होने के बाद हांगकांग में 47 लोकतंत्र समर्थकों की गिरफ्तारी कर चुका है। उन पर देश विरोधी काम करने का आरोप लगाया गया है।

क्‍या है चीन की नेशनल पीपल्‍स कांग्रेस
चीन की नेशनल पीपल्‍स कांग्रेस देश की सबसे बड़ी और शक्तिशाली राजनीतिक संस्‍था। इसे चीन की संसद कहा जाता है। हालांकि, व्‍यवहार में यह एक रबर स्‍टांप वाली संसद है। इसका कार्य केवल चीनी सरकार की तय नीतियों और योजनाओं पर मुहर लगाने के काम तक सीम‍ित है।


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