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फाइल फोटो
चीन ने देश का अब तक का सबसे आधुनिक विशाल मानव रहित जहाज का निर्माण शुरू कर दिया है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। चीन ने देश का अब तक का सबसे आधुनिक विशाल मानव रहित जहाज का निर्माण शुरू कर दिया है। तीसरे विमानवाहक पोत को भी जल्द लांच किया जाएगा। इसमें कोरोना संकट की वजह से देरी हुई है। सरकारी ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, चाइना स्टेट शिपबिल्डिंग कारपोरेशन लिमिटेड (सीएसएससी) के अनुसंधान संस्थान में बड़े मानव रहित जहाज परियोजना की शुरुआत का जश्न मनाने के लिए समारोह आयोजित किया गया था। यह जहाज को उच्च गति, अधिक क्षमता के साथ ही स्थानीय रूप से विकसित प्रणोदन प्रणाली से लैस होगा। यह विभिन्न मिशनों को अंजाम देने में सक्षम होगा।
जल्द लांच होगा चीन का तीसरा पोत
इसके साथ ही चीन अपना तीसरा विमानवाहक लांच करने की तैयारी कर रहा है। चीन का तीसरा विमानवाहक पोत पिछले दो वाहकों की तुलना में बड़ा हो सकता है। चीन के स्वदेश निर्मित दूसरे विमानवाहक पोत शेंडोंग को 2019 में लांच किया गया था। चीन का पहला विमानवाहक पोत लियाओनिंग है।
जानिए कब हुआ था दूसरा स्वदेश निर्मित जहाज लान्च
चीन ने 2019 में अपना दूसरा स्वदेश निर्मित विमानवाहक पोत शेडोंग लान्च किया, चीन शेडोंग जैसी चार और जहाज निर्माण करने की योजना बना रहा है। राज्य द्वारा संचालित साइंस एंड टेक्नोलाजी डेली ने कहा कि जहाज समुद्री आपदा रोकथाम और शमन, पर्यावरण निगरानी और अपतटीय पवन फार्म रखरखाव के साथ-साथ सटीक समुद्री जानकारी देने में एक कुशल उपकरण हो सकता है। बता दें कि अप्रैल में चीन के स्वदेश निर्मित दूसरे विमानवाहक पोत 'शेंडोंग' को अपनी पहली "रखरखाव और व्यापक परीक्षा" से गुजरना पड़ा।
शी जिनपिंग ने किया सेना में सुधार
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग, जो चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) के अलावा सेना का नेतृत्व करते हैं, बता दें कि जिनपिंग ने सेना में व्यापक सुधार किए हैं, जिसमें सेना का आकार कम करना और नौसेना और वायु सेना की भूमिका को बढ़ाना शामिल है। अफ्रीका के हार्न में जिबूती में सैन्य ठिकानों के साथ वैश्विक विस्तार।
चीन ने श्रीलंका के हंबनटोटा बंदरगाह को 99 साल की लीज पर भी ले लिया है और अरब सागर में पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह का विस्तार और आधुनिकीकरण किया है।
चीन लगभग सभी विवादित दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा करता है, हालांकि ताइवान, फिलीपींस, ब्रुनेई, मलेशिया और वियतनाम सभी इसके कुछ हिस्सों का दावा करते हैं। बीजिंग ने दक्षिण चीन सागर में कृत्रिम द्वीप और सैन्य प्रतिष्ठान भी बनाए हैं।
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