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बीजिंग (आईएएनएस)। संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण प्रोग्राम की कार्यवाहक महानिदेशक इंगर अंदरसन ने हाल ही में पेइचिंग में चीन पर्यावरण व विकास अंतरराष्ट्रीय सहयोग समिति की वार्षिक बैठक में भाग लिया।इस दौरान उन्होंने चाइना मीडिया ग्रुप के साथ विशेष बातचीत की। उन्होंने कहा कि चीन की यात्रा में उन्होंने संवाद का सेतु, पारस्परिक विश्वास और संकल्प देखा। आशा है कि चीन वैश्विक जलवायु परिवर्तन के निपटारे में कुंजीभूत भूमिका जारी रखेगा।
उन्होंने बल दिया कि जलवायु परिवर्तन से निपटने में घबराहट उत्तर नहीं है। बहुपक्षवाद एकमात्र रास्ता है। वे चीन से प्रस्तुत इस पारिस्थितिकी अवधारणा की प्रशंसा करती है कि हरित पानी और पहाड़ अनमोल संपत्ति है।
उन्होंने कहा कि अध्ययन से जाहिर है कि विश्व में लगभग 90 प्रतिशत से ज्यादा अधिक कार्बन उत्सर्जन विकसित देशों से आता है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय का आम विचार है कि विकसित देशों को विश्व में अधिक गर्मी होने के लिए ऐतिहासिक जिम्मेदारी, कानूनी कर्तव्य और नैतिक जिम्मेदारी है।
2009 कोपेहेगन जलवायु परिवर्तन महासभा पर विकसित देशों ने सामूहिक रूप से वादा दिया कि वर्ष 2020 से जलवायु परिवर्तन के निपटारे के लिए विकासशील देशों को हर साल 1 खरब अमेरिकी डॉलर प्रदान किया जाएगा। लेकिन, यह वादा लागू नहीं हुआ।
वर्ष 2023 यूएन जलवायु महासभा इस दिसंबर में यूएई के दुबई में आयोजित होगी। हर साल एक खरब अमेरिकी डॉलर का वादा एक ध्यानाकर्षक मुद्दा होगा।
उन्होंने कहा कि चीन की आवाज महत्वपूर्ण है। चीन की घरेलू काररवाई अहम है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चीन की काररवाई भी अहम है। एक अग्रसर आर्थिक समुदाय और जिम्मेदाराना देश के नाते चीन ने शुरू से ही जलवायु वार्ता में भाग लिया है।
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