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राष्ट्रमंडल देशों में चीन ने किया अरबों डॉलर का निवेश, प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की चिंता बढ़ी

Subhi
30 Nov 2021 2:53 AM GMT
राष्ट्रमंडल देशों में चीन ने किया अरबों डॉलर का निवेश, प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की चिंता बढ़ी
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चीन-ब्रिटेन के बीच हांगकांग, शिनजियांग के उइगरों और ताइवान को लेकर जारी विवाद के बीच राष्ट्रमंडल देशों में चीनी निवेश से ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन की चिंताएं बढ़ गई हैं।

चीन-ब्रिटेन के बीच हांगकांग, शिनजियांग के उइगरों और ताइवान को लेकर जारी विवाद के बीच राष्ट्रमंडल देशों में चीनी निवेश से ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन की चिंताएं बढ़ गई हैं।

ब्रिटेन का 42 राष्ट्रमंडल देशों में सीधा प्रभाव है। ये वह देश हैं जो किसी वक्त ब्रिटिश उपनिवेश रह चुके हैं। जबकि चीन ने 913 अरब डॉलर से ज्यादा का निवेश कर ब्रिटिश सरकार को चुनौती देने की कोशिश की है
अमेरिका में वाशिंगटन स्थित थिंकटैंक अमेरिकन इंटरप्राइज इंस्टीट्यूट ने आंकड़े रखते हुए बताया है कि चीन ने पिछले 21 वर्षों में राष्ट्रमंडल देशों में अरबों डॉलर का निवेश किया है। इनमें कैरेबियाई देश बारबाडोस और जमैका भी शामिल हैं।
सोमवार को गणतंत्र बनने के लिए तैयार बारबाडोस में चीन ने 66.7 करोड़ डॉलर जबकि पड़ोसी जमैका में 3.4 अरब डॉलर का निवेश किया है। हालात को देखते हुए ब्रिटेन ने भी कॉमनवेल्थ डेवलपमेंट कारपोरेशन को ब्रिटिश इंटरनेशनल इन्वेस्टमेंट के साथ बदलने की योजना रखी है।
ब्रिटिश विदेश मंत्री लिज ट्रस ने उम्मीद जताई कि नया निकाय 2025 तक राष्ट्रमंडल देशों में हर साल 10 अरब डॉलर का निवेश करेगा। लेकिन आलोचकों का कहना है कि ब्रिटेन ने माहौल को भांपने में देरी की है और इसका लाभ चीन उठाएगा।
राष्ट्रमंडल देशों को नियंत्रित करना चाहता है चीन
प्राग में सिनोप्सिस परियोजना के वरिष्ठ प्रोफेसर कर्स्टन टैटलो ने कहा कि चीन लगातार अपने वित्तीय संसाधनों का इस्तेमाल दुनिया को नियंत्रित करने में कर रहा है। इससे चीनी तानाशाही का खतरा बढ़ेगा, क्योंकि देश इसके बारे में कुछ भी करने का जोखिम नहीं उठा सकते हैं।

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