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2020 में भेजे गए 380 लड़ाकू विमानों से लगभग दोगुने विमान इस बार भेजे गए हैं.
अपनी हरकतों से बाज ना आते हुए चीन ने एक बार फिर ताइवान में घुसपैठ (China Incursion in Taiwan) की है. चीन ने यहां के डिफेंस जोन में 39 लड़ाकू विमान भेजे. ये बीते कई महीनों में सबसे बड़ी घुसपैठ बताई जा रही है. ताइवान की सरकार ने बताया कि सबसे ज्यादा लड़ाकू विमान (Fighter Jets) रविवार को भेजे गए थे. इनकी संख्या अक्टूबर के बाद सबसे अधिक रही. दरअसल इस देश को आशंका है कि चीन इसपर हमला कर देगा. चीन ताइवान (China Taiwan Conflict) को अपना क्षेत्र बताता है, जबकि ताइवान का कहना है कि वह एक स्वंतत्र देश है.
चीन इतना कह चुका है कि वह ताइवान को खुद में शामिल कर लेगा, फिर चाहे उसे बल प्रयोग का ही सहारा क्यों ना लेना पड़े. बीते साल चीन ने ताइवान के एयर डिफेंस आइडेंटिफिकेशन जोन (एडीआईजेड) में कई बार घुसपैठ की थी. 4 अक्टूबर की ही बात है, जब चीन के 56 लड़ाकू विमानों ने यहां घुसपैठ कर दी थी (Chinese Incursion Taiwan Airspace). ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने देर रविवार को एक बयान में कहा कि उसने चीनी लड़ाकू विमानों की सूचना मिलते ही चेतावनी के तौर पर अपने लड़ाकू विमान भी भेज दिए. साथ ही ADIZ में दाखिल होने वाले 39 चीनी लड़ाकू विमानों को ट्रैक करने के लिए मिसाइलें तैनात कर दीं.
पसंदीदा जे-16 लड़ाकू विमान भी भेजा
39 PLA aircrafts (Y-9 EW*2, J-10*10, J-16*24, Y-8 ELINT*2, and H-6*1) entered #Taiwan's southwest ADIZ on January 23, 2022. Please check our official website for more information: https://t.co/KbXZSIYZ40 pic.twitter.com/8eK29L0u4t
— 國防部 Ministry of National Defense, R.O.C. 🇹🇼 (@MoNDefense) January 23, 2022
घुसपैठ के लिए भेजे गए इन लड़ाकू विमानों में 24, जे-16 (J-16 Fighter Jets) शामिल हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि ताइवान के हवाई रक्षा क्षेत्र का परीक्षण करने के लिए यह चीन का पसंदीदा लड़ाकू विमान है. जबकि 10, जे-10 विमान और एक परमाणु बम गिराने में सक्षम एच-6 बॉम्बर भी भेजा गया. ताइवान ने इस तरह की घुसपैठ को लेकर नियमित आंकड़े सितंबर 2020 से जारी करना शुरू किया था. अक्टूबर में रिकॉर्ड 196 घुसपैठ दर्ज की गई थीं. इनमें से 149 लड़ाकू विमान केवल चार दिन के भीतर ही भेजे गए. ये वो समय था, जब चीन अपना सालाना राष्ट्रीय दिवस मना रहा था.
2016 से चीन ने दबाव बढ़ाया
ये रक्षा क्षेत्र ताइवान के खुद के हवाई क्षेत्र के समान नहीं है, लेकिन इसमें एक बड़ा क्षेत्र शामिल है, जो चीन के अपने ADIZ के हिस्से के साथ ओवरलैप करता है. 2016 में त्साई इंग-वेन (Taiwan President Tsai Ing-wen) के राष्ट्रपति चुने जाने के बाद से बीजिंग ने ताइवान (China Taiwan Fight) पर दबाव बढ़ा दिया है. ऐसा इसलिए क्योंकि वेन ताइवान को चीन का हिस्सा नहीं मानतीं. वह कहती हैं कि ताइवान एक स्वतंत्र देश है. आंकड़े बताते हैं कि बीते साल चीन के 969 लड़ाकू विमानों ने ताइवान में घुसपैठ की थी. यानी 2020 में भेजे गए 380 लड़ाकू विमानों से लगभग दोगुने विमान इस बार भेजे गए हैं.
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