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"हम काबुल के दशती बारची में नागरिकों की हत्या की कड़ी निंदा करते हैं।''
चीन ने अफगानिस्तान में हो रहे हमले के लिए अमेरिका को जिम्मेदार ठहरा दिया है। चीन का कहना है कि अमेरिकी सेना की अचानक वापसी से काबुल में विस्फोटों की एक श्रृंखला के बाद 60 से अधिक लोग मारे गए, जिनमें ज्यादातर छात्राएं थीं। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट (एससीएमपी) के अनुसार, विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा कि चीन हमलों से स्तब्ध है और मौत के लिए गहरा दुख प्रकट करता है।
उन्होंने कहा, "यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि हाल ही में अफगानिस्तान से सेना को पूरी तरह से वापस लेने की अमेरिका की घोषणा के बाद पूरे देश में सिलसिलेवार तरीके से विस्फोट हो रहे हैं। वहां की सुरक्षा स्थिति बिगड़ती जा रही है। शांति और स्थिरता के साथ-साथ लोगों के जीवन और सुरक्षा को भी खतरा है।"
चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने कहा, "चीन अफगानिस्तान में विदेशी सैनिकों को बुलाकर देश और क्षेत्र के लोगों की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखता है। एक जिम्मेदार तरीके से बाहर निकलता है और अफगान लोगों पर अधिक उथल-पुथल मचाने से बचता है।"
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने इस महीने की शुरुआत में 11 सिंतबर तक अफगानिस्तान से पूरी तरह से हटने के उद्देश्य से अपने सैनिकों को वापस बुलाने की घोषणा की है। आपको बता दें कि 11 सितंबर को अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर आतंकवादी हमला हुआ था। इस साल उसकी 20वीं बरसी होगी। इस हमले के बाद से लगातार अफगानिस्तान में युद्ध जैसी स्थिति बनी रही। यह अमेरिकी इतिहास का सबसे लंबा संघर्ष है।
एससीएमपी ने बताया कि बीजिंग ने लंबे समय से आशंका जताई है कि अफगानिस्तान में अस्थिरता इस्लामिक कट्टरवाद को जन्म देगी और चीन के मुस्लिम शिनजियांग क्षेत्र में फैल जाएगी। अमेरिका द्वारा सैनिकों की वापसी से तालिबान और अफगान सुरक्षा बलों के बीच लड़ाई शुरू हो गई है। पर्यवेक्षकों ने कहा कि बीजिंग अफगानिस्तान में सैनिकों को तैनात करने की संभावना नहीं है, लेकिन चीन सुरक्षा जोखिम को कम करने के लिए क्षेत्र के अन्य देशों के साथ काम कर सकता है।
शनिवार दोपहर को काबुल के पश्चिम में सईद-उल-शुहादा हाई स्कूल के पास कम से कम तीन विस्फोट हुए। टोबो न्यूज ने सूत्रों के हवाले से बताया कि काबुल स्कूल में बम विस्फोट में 63 लोग मारे गए और 150 से अधिक लोग घायल हो गए। इस घटना की अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने कड़ी निंदा की थी। हालांकि, तालिबान ने हमले में किसी भी तरह की भागीदारी से इनकार किया है। तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने एक ट्वीट में कहा था, "हम काबुल के दशती बारची में नागरिकों की हत्या की कड़ी निंदा करते हैं।''
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