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बीजिंग ने इससे पहले शिजियन 17 को लॉन्च किया है, जो 2016 में स्पेस में गया था
चीन (China) ने पानी के भीतर विस्फोटकों (Underwater Explosives) का इस्तेमाल करके एक बंदरगाह को उड़ा दिया. ये इस तरह का किया गया पहला टेस्ट था. चीन के सरकारी मीडिया ने कहा कि युद्ध की स्थिति में इस तकनीक का इस्तेमाल अमेरिका (America) के खिलाफ भी किया जा सकता है. चीनी सेना (Chinese Military) ने ये टेस्ट शनिवार को किए हैं. इसने चीन की एक अज्ञात लोकेशन पर पानी के भीतर विस्फोटकों का इस्तेमाल करते हुए एक घाट को उड़ाया. ग्लोबल टाइम्स अखबार ने कहा, इस टेक्नोलॉडी को संघर्ष की स्थिति में दुश्मन की आपूर्ति लाइनों को काटने के लिए डिजाइन किया गया है.
China carries out first successful test of underwater explosives that could destroy US ports after launching 'satellite-crushing' weapon and hypersonic missile pic.twitter.com/y8BYzRFChx
— American Military News(AMN)🇲🇾 (@manNews3) October 27, 2021
अखबार ने कहा कि पानी के नीचे विस्फोटकों का इस्तेमाल करके चुपके से हमले को अंजाम दिया जा सकता है. इसकी वजह से अमेरिकी वाहक जैसे बड़े जहाज भी कमजोर हो जाएंगे. चीन द्वारा हाल ही में किए गए टेस्टों की कड़ी में ये सबसे लेटेस्ट है. पिछले हफ्ते चीन ने एक सैटेलाइट लॉन्च किया, जिसे लेकर अमेरिका ने कहा कि ये अन्य स्पेसक्राफ्ट को निशाना बना सकता है. इसके अलावा, चीन ने दो ऑर्बिटल हथियारों का टेस्ट किया, जिसे लेकर विश्लेषकों ने कहा कि ये हाइपरसोनिक परमाणु हथियार थे. ग्लोबल टाइम्स ने कहा कि पानी के नीचे विस्फोटकों का इस्तेमाल शक्तिशाली विस्फोट के लिए किया गया, जिसने एक घाट को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया.
प्रशांत क्षेत्र में बदलती अमेरिकी नीति को दिया जवाब
ग्लोबल टाइम्स ने कहा, घाट पर लगाए गए सेंसर का इस्तेमाल डेटा इकट्ठा करने के लिए किया गया था, जिसका इस्तेमाल वास्तविक युद्ध में 'शत्रुतापूर्ण बंदरगाहों' पर हमलों को सपोर्ट करने के लिए किया जाएगा. अखबार की रिपोर्ट में कहा गया कि पानी के भीतर विस्फोटकों का इस्तेमाल प्रशांत क्षेत्र में अमेरिकी रणनीति को बदलने के जवाब में किया गया है. इसने दावा किया कि अमेरिका अपनी सेना को एक जगह इकट्ठा न करके, छोटे स्थानों में भेजकर उन्हें विभाजित कर रहा है, ताकि वह हमलों से बच सके. ऐसे में चीन द्वारा इस तरह के हथियारों का विकास किया जा रहा है.
चीन ने स्पेस में फैले मलबे को साफ करने वाली सैटेलाइट लॉन्च की
एक अनाम सैन्य एक्सपर्ट ने कहा, पोर्ट्स और घाटों के तबाह होने के बाद दुश्मन की रसद की सप्लाई फेल हो जाएगी और सेनाओं को फैलाने की रणनीति भी विफल होगी. ये टेस्ट ऐसे समय पर हुआ है, जब चीन ने हाल ही में शिजियान 21 (Shijian 21) नाम से एक सैटेलाइट को लॉन्च किया है. इसे लेकर कहा गया कि ये टेक्नोलॉजी स्पेस में फैले मलबे को साफ करेगी. लेकिन अमेरिका ने चेतावनी दी कि इस तकनीक का इस्तेमाल दूसरी सैटेलाइट्स को पकड़ने और उन्हें तबाह करने के लिए किया जा सकता है. बीजिंग ने इससे पहले शिजियन 17 को लॉन्च किया है, जो 2016 में स्पेस में गया था
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