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चीन को तिब्बती बौद्धों से कोई वास्ता नहीं, कोरोना के नाम पर बंद किया पवित्र पोटला पैलेस

Neha Dani
10 Aug 2022 5:11 AM GMT
चीन को तिब्बती बौद्धों से कोई वास्ता नहीं, कोरोना के नाम पर बंद किया पवित्र पोटला पैलेस
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यह महल लंबे समय तक तिब्बत के राजनीतिक व धार्मिक शासन का केन्द्र रहा है।

बीजिंग: हिमालय क्षेत्र में कोविड-19 के कुछ मामले सामने आने के बाद चीनी अधिकारियों ने तिब्बत के प्रसिद्ध पोटला पैलेस को बंद कर दिया है। चीन कोविड को लेकर सख्त नीति का पालन कर रहा है और इसके तहत लॉकडाउन, नियमित जांच, पृथकवास और यात्राओं पर रोक आदि पर जोर दे रहा है। हालांकि ज्यादातर अन्य देश फिर से खुल गए हैं। महल की सोशल मीडिया साइट पर एक नोटिस में कहा गया है कि महल को मंगलवार से बंद कर दिया गया है और इसके फिर से खोलने की तारीख की घोषणा बाद में की जाएगी। पोटला पैलेस एक समय तिब्बत के बौद्ध धर्मगुरुओं का पारंपरिक आवास था।


धर्म के साथ पर्यटन की भी नहीं की परवाह
तिब्बत की अर्थव्यवस्था काफी हद तक पर्यटन पर निर्भर करती है और पोटला पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय स्थान है। चीन का कहना है कि उसकी सख्त नीति से कोविड के प्रसार पर काबू पाने में मदद मिली है। वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन सहित कई आलोचकों ने अर्थव्यवस्था और समाज पर इसके प्रभाव की निंदा की है।


दलाई लामा का निवास स्थल रहा है पोटला महल
पोटला महल ल्हासा शहर के उत्तर पश्चिमी भाग में स्थित एक लाल पहाड़ी के ऊपर स्थित है। यह तिब्बती बौद्ध धर्म का सबसे बड़ा धार्मिक स्थल भी है। इस महल का समूचा निर्माण तिब्बती वास्तु शैली में किया गया है। यह महल तिब्बत के थुबो राजकाल में राजा सोंगत्सांकांबू ने थांग राजवंश की राजकुमारी वनछङ के साथ विवाह के लिए बनवाया था। 17वीं शताब्दी में उसके पुनर्निर्माण के बाद वह दलाई लामा का आवास बनाया गया। यह महल लंबे समय तक तिब्बत के राजनीतिक व धार्मिक शासन का केन्द्र रहा है।

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