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रोजगार के मामले में भी शिंजियांग के उइगरों को प्रताड़ित कर रहा चीन, संयुक्त राष्ट्र ने 'रोजगार' पर मांगी जानकारी

Renuka Sahu
12 Feb 2022 4:07 AM GMT
रोजगार के मामले में भी शिंजियांग के उइगरों को प्रताड़ित कर रहा चीन, संयुक्त राष्ट्र ने रोजगार पर मांगी जानकारी
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फाइल फोटो 

संयुक्त राष्ट्र श्रम मंत्रालय की एक वार्षिक रिपोर्ट में चीन के शिंजियांग प्रांत में उइगर और अन्य मुस्लिम अल्पसंख्यकों की काम की परिस्थियों को रेखांकित किया गया है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। संयुक्त राष्ट्र श्रम मंत्रालय (International Labour Organization) की एक वार्षिक रिपोर्ट में चीन के शिंजियांग प्रांत में उइगर और अन्य मुस्लिम अल्पसंख्यकों की काम की परिस्थियों को रेखांकित किया गया है. रिपोर्ट में लोगों को उपनी मर्जी से रोजगार चुनने से वंचित करने के लिए कठोर कदम उठाए जाने का भी संकेत दिया गया है और चीन (China) से इस बात की और सूचना देने की मांग की गई है कि वह उनके मानवाधिकारों का सम्मान कैसे कर रहा है. यह रिपोर्ट अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन समिति ने पेश की है. क्षमता से अधिक उत्पादन करने के लिए उइगरों (Uyghur's of China) ले काम के घंटे से भी अधिक समय तक मजदूरी कराई जाती है.

अधिकार समूह और पश्चिमी देशों की सरकारों ने क्षेत्र में मुसलमानों के साथ हो रहे बर्ताव पर चिंता जताई है. स्वतंत्र अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों की 20 सदस्यीय समिति ने एक अलग रिपोर्ट दी है, जिसमें चीनी सरकार का बचाव करते हुए कहा गया है कि चीन के अनुसार शिंजियांग में व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्र चलाए जा रहे हैं. बीजिंग का कहना है कि इन केंद्रों का मकसद आर्थिक स्थिति में सुधार लाना और क्षेत्र में चरमपंथी हिंसा को कम करने में मदद करना है.
चीन से कौन सी जानकारी मांगी गई?
समिति ने चीन की सरकार से इस बारे में अधिक जानकारी प्रदान करने का आह्वान किया कि उसकी नीतियां 'स्वतंत्र रूप से चुने गए रोजगार' का समर्थन कैसे करती हैं और जबरन श्रम को कैसे रोकती हैं, साथ ही इसमें उइगरों के प्रशिक्षण केंद्रों में पाठ्यक्रमों के प्रकार और लोगों की संख्या के बारे में जानकारी देने को कहा गया है. जिनेवा में चीन के राजनयिक मिशन ने इस संबंध में एसोसिएटेड प्रेस द्वारा भेजे गए ईमेल का कोई जवाब नहीं दिया है.
उइगरों का नरसंहार कर रहा चीन
चीन पर इस तरह के आरोप लगते हैं कि वह शिंजियांग के उइगर मुसलमानों का नरसंहार कर रहा है. इन लोगों को प्रताड़ित करके इनसे जबरन श्रम करवाया जाता है. चीन जितना हो सकता है, इन लोगों को उतना ही परेशान करता है. इस मामले में पश्चिमी देश हमेशा से ही आवाज उठाते रहे हैं. अमेरिका ने हाल ही में फैसला लिया था कि वह चीन से आयातित सामान पर प्रतिबंध लगाएगा. क्योंकि इसे उइगरों पर अत्याचार करके तैयार किया जाता है.
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