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म्यांमार की संकट को दूर करने के लिए सभी दलों से बातचीत को तैयार हुई चीन सरकार

Gulabi
7 March 2021 1:00 PM GMT
म्यांमार की संकट को दूर करने के लिए सभी दलों से बातचीत को तैयार हुई चीन सरकार
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UN के बयान से सहमत चीन

चीन (China) ने 'सभी दलों' के साथ मिलकर पड़ोसी देश म्यांमार (Myanmar) में जारी सियासी संकट को हल करने की इच्छा जताई है. चीन सरकार के शीर्ष डिप्लोमेट वांग यी (Top Diplomat Wang Yi) ने रविवार को इसकी जानकारी दी. बीजिंग (Beijing) ने कहा है कि म्यांमार की स्थिति 'बिल्कुल वैसी नहीं है' जैसी चीन देखना चाहता है. उन्होंने म्यांमार में तख्तापलट में चीन की भागीदारी की सोशल मीडिया (Social Media) 'अफवाहों' का खंडन किया.


बता दें कि म्यांमार में पिछले महीने सेना ने शीर्ष अधिकारियों को हिरासत में लेते हुए सत्ता पर कब्जा कर लिया था. वांग ने एक न्यूज कान्फ्रेंस में कहा कि चीन म्यांमार की संप्रभुता और लोगों के अधिकारों का सम्मान करने के लिए सभी दलों के साथ संपर्क और बातचीत करने के लिए तैयार है ताकि पड़ोसी देश में तनाव को कम करने में रचनात्मक भूमिका निभाई जा सके.

UN के बयान से सहमत चीन
म्यांमार में 1 फरवरी को हुए तख्तापलट की पश्चिमी देशों ने कड़ी निंदा की है. चीन स्थिरता के महत्व पर जोर देते हुए अधिक सतर्क रहा है. बहरहाल चीन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के एक बयान पर सहमति जताई है, जिसमें म्यांमार की शीर्ष नेता आंग सान सू की और दूसरे नेताओं की रिहाई की मांग करते हुए देश में आपातकाल की स्थिति पर चिंता जताई थी.

वांग ने कहा कि चीन के म्यांमार में सभी दलों और गुटों के साथ लंबे समय तक मैत्रीपूर्ण संबंध रहे हैं, जिसमें नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी (एनएलडी) भी शामिल है. उन्होंने कहा कि चीन के साथ दोस्ती में हमेशा से म्यांमार के सभी क्षेत्रों की सहमति रही है.

सेना ने खारिज किए राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे
एनएलडी आंग सान सू की की पार्टी है. जुंटा ने नवंबर में हुए राष्ट्रपति चुनाव में एनएलडी को मिली बड़ी जीत का खारिज कर दिया है. वांग ने कहा कि कोई फर्क नहीं पड़ता कि म्यांमार में स्थिति कैसे बदलती है, चीन-म्यांमार संबंधों को बढ़ावा देने के लिए चीन का संकल्प नहीं बदलेगा.

तख्तापलट के बाद से हजारों लोग सड़कों पर उतरकर सेना के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. यांगून में लोगों ने चीनी दूतावास के बाहर प्रदर्शन किया और बीजिंग पर जुंटा के समर्थन का आरोप लगाया. बीजिंग ने कहा कि तख्तापलट से उसे इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी.
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