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चीन ने दी विंटर ओलिंपिक के मशाल वाहक विवाद पर बेतुकी दलील, जानें क्‍या कहा चीनी विदेश मंत्रालय ने

Renuka Sahu
8 Feb 2022 12:55 AM GMT
चीन ने दी विंटर ओलिंपिक के मशाल वाहक विवाद पर बेतुकी दलील, जानें क्‍या कहा चीनी विदेश मंत्रालय ने
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फाइल फोटो 

वर्ष 2020 में गलवन घाटी में हुए संघर्ष में शामिल सैनिक को बीजिंग विंटर ओलिंपिक की मशाल रैली का मशाल वाहक बनाए जाने पर चीन अब बेतुकी दलील पर उतारू हो गया है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। वर्ष 2020 में गलवन घाटी में हुए संघर्ष में शामिल सैनिक को बीजिंग विंटर ओलिंपिक की मशाल रैली का मशाल वाहक बनाए जाने पर चीन अब बेतुकी दलील पर उतारू हो गया है। जानें दुनियाभर की आलोचनाओं से घिरे चीन ने क्‍या कहा है।

बीजिंग, पीटीआइ। वर्ष 2020 में गलवन घाटी में हुए संघर्ष में शामिल सैनिक को बीजिंग विंटर ओलिंपिक की मशाल रैली का मशाल वाहक बनाए जाने पर दुनियाभर की आलोचनाओं से घिरा चीन अब बेतुकी दलील पर उतारू हो गया है। उसने कहा कि मशाल वाहक का चयन 'मानकों' के अनुरूप किया गया और संबंधित पक्षों को इसकी 'राजनीतिक व्याख्या' से परहेज करना चाहिए।
पूर्वी लद्दाख की गलवन घाटी में भारतीय सैनिकों के साथ संघर्ष में घायल होने वाले पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के रेजिमेंट कमांडर छी फापाओ को चीन ने ओलिंपिक खेलों की टार्च रैली का मशाल वाहक बनाया था। इसके विरोध में भारत ने शुक्रवार को बीजिंग विंटर ओलिंपिक के उद्घाटन समारोह का राजनयिक बहिष्कार किया था।
नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने विवादित सैन्य कमांडर को चीन द्वारा सम्मानित किए जाने पर अफसोस जताया था। अमेरिकी सांसदों ने भी चीन की इस कार्रवाई को शर्मनाक और उकसावे वाला बताया था। सीनेट की विदेश संबंध समिति के रैंकिंग सदस्य और रिपब्लिकन सिनेटर जिम रिश ने कहा था कि अमेरिका, भारत की संप्रभुता का समर्थन करता रहेगा।
यूरोपीय संघ, अमेरिका समेत कई देश बीजिंग ओलिंपिक का राजनयिक बहिष्कार कर रहे हैं। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने मीडिया ब्रीफिंग के दौरान छी को लेकर सवाल पूछे जाने पर कहा, 'बीजिंग 2022 विंटर ओलिंपिक के मशाल वाहक व्यापक प्रतिनिधित्व करते हैं और चयन मानकों के अनुरूप हैं। हमें उम्मीद है कि संबंधित पक्ष इसे वस्तुनिष्ठ और तर्कसंगत तरीके से देखेंगे।'
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता बागची ने गुरुवार को कहा था कि चीन ने ओलिंपिक जैसे आयोजनों का भी राजनीतिकरण किया है। उल्लेखनीय है कि गलवन घाटी संघर्ष में 20 भारतीय सैनिकों ने बलिदान दिया था। चीन ने भी अपने पांच सैनिकों की मौत की बात स्वीकारी थी, लेकिन अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों का मानना है कि इस संघर्ष में चीन के तीन दर्जन से ज्यादा सैनिक मारे गए थे।
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